घरेलू नुस्खों से कम हो सकता है यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन - Urinary tract infection

header top right

| Mon - Sat 07:30 - 19:00

घरेलू नुस्खों से कम हो सकता है यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन का खतरा

Urine-Tract-Infection
27 September, 2018

 

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खान-पान और दिनचर्या को लेकर गंभीर नही हैं. कामकाजी महिलाएं मुश्किल से अपने स्वास्थ्य को लेकर उचित समय निकाल पाती हैं. दफ्तर और घर के कामों में वे इतनी मशगूल हो जाती हैं कि अपने लिए समय मिलता ही कहाँ है. आज हम आपको मुख्यतः महिलाओं में होने वाले रोग ‘यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन”(Urinary Tract Infection) के बारे में बताने जा रहे हैं. यह ऐसा रोग है जो महिलाओं में आम बात तो है ही लेकिन सावधानी ना बरतने पर जानलेवा साबित हो जाता है. एक सर्वे के मुताबिक़ इस रोग से देश में प्रतिवर्ष लाखों महिलाएं असमय ही काल के गाल में समा जाती हैं.

यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन है क्या? (What Is Urinary tract infection)

यह मूत्राशय से सम्बंधित रोग होता है. इस रोग में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला अंग होता है गुर्दा (Kidney) जो पेशाब को छानने का काम करता है. जब बैक्टीरिया मूत्र मार्ग से समय से नही निकल पाते तब वे किडनी”(Kidney) में प्रवेश कर रोग उत्पन्न कर देते हैं. इस तरह मूत्रमार्ग का संक्रमण (Urethra infection) को यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन”(Urinary Tract Infection) के नाम से भी जाना जाता है.

यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण सम्बंधित तथ्य और आंकड़े:(Figure And Facts Related Urinary tract infection)

देश में पेशाब का संक्रमण एक बड़ी समस्या होती जा रही है. कामकाजी महिलाओं में यह रोग आमतौर पर देखने को मिलता है. सार्वजनिक शौंचालय इसके सबसे बड़े कारक होते हैं. संक्रमित टॉयलेट सीट से यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. इस इन्फेक्शन से 10 में से 5 महिलाएं प्रभावित होती हैं. यह आमतौर पर 15 से 35 साल की महिलाओं में होते हुए देखा गया है. इस रोग के जीवाणु पेशाब की नली से होकर उससे सम्बंधित अंगों में चले जाते हैं.

यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन के कारण ( Reason Of Urinary tract infection)

पेशाब में रुकावट से मूत्राशय [bladder] सहित किडनी, और मूत्रनली को भारी नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा कामकाजी महिलाएं सार्वजनिक टॉयलेट्स यूज़ करती हैं. इनके उपयोग से इन्फेक्शन की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस प्रक्रिया में मूत्राशय को सबसे ज्यादा नुकसान होने की सम्भावना होती है.
इसके अलावा पीरियड और डिलीवरी के दौरान भी ऐसे संक्रमण होने की सम्भावना ज्यादा होती है. पीठ के उस हिस्से में भी दर्द हो जाता है जहां किडनी (Kidney) मौजूद होती है.

डयूरिन ट्रैक्ट संक्रमण के लक्षण ( Symptoms of Urinary tract infection)

संक्रमण होने पर बार-बार पेशाब आने की समस्या महसूस होती है. इसके आलावा कमजोरी, थकान और बुखार के लक्षण भी प्रतीत होते हैं. मूत्र मार्ग में दर्द के साथ पेशाब रुक-रूककर आने लगता है. पेशाब गाढ़ा, बदबूदार और पीला होने लगता है. कभी-कभी तो पेशाब में खून आने की समस्या हो जाती है. यह अवस्था बेहद दुखदाई होती है. इस तरह के लक्षण होने पर आपको समझना चाहिए कि आपको ‘यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन” (Urinary tract infection) हो चुका है. यदि समय पर इसका उपचार नही हुआ तो यह बीमारी घातक रूप ले लेती है.

यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण सम्बंधित जटिलताएं: (Complications related to Urinary tract infection)

देश में मूत्र आक्रमण की यह समस्या महिलाओं के साथ ही पुरुषों में भी देखने को मिलती हैं. असुरक्षित यौन सम्बन्ध भी इस बीमारी की जटिलताओं को बढ़ा देते हैं. सेक्स करने से पहले सुरक्षा और साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखने की जरूरत होती है. आज के दौर में यूरिन इंफेक्शन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण स्वच्छता न बरतना है। आमतौर पर यह यूरिनरी कॉर्ड में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या मूत्र पथ का संक्रमण (यूटीआई) के नाम से जाना जाता है. यह बैक्टीरिया जनित संक्रमण है जो मूत्रपथ के एक हिस्से को बुरी तरह संक्रमित करता है.

यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन का प्राकृतिक उपचार( Natural treatment Of Urinary Tract Infection)

किसी भी मर्ज़ का उपचार जांच कराने के बाद ही करना चाहिए. लोग जांच कराकर उपचार भी करते हैं लेकिन जब इलाज़ जड़ से ख़त्म करना हो तब घरेलु नुस्खे काफी कारगर साबित होते हैं. कुछ प्राकृतिक तरीके से यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण (Urinary Tract Infection)को पूरी तरह से हराया जा सकता है.

बेकिंग सोडा का प्रयोग( Use Of baking Soda)

बेकिंग सोडा - baking soda

बेकिंग सोडा के सेवन से शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है. आधा चम्मच बेकिंग सोडा एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में 2 बार पीने से लाभ मिलता है.

सेब के सिरके का सेवन( Use Of Apple Vinegar)

सेब के सिरके - apple-cider-vinegar

यूरिन इन्फेक्शन की रोकथाम में सेब के सिरके का महत्वपूर्ण स्थान है. 2 चम्मच सिरका 1 चम्मच शहद में मिलाकर 2 बार पीने से दर्द में आराम मिलता है.

ग्रीन बेरी के जूस का सेवन ( Use Of Green Berry juice)

ग्रीन बेरी के जूस - green-berry-juice

यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन में ग्रीन बेरी के जूस का भी महत्व होता है. हालांकि इसका स्वाद थोड़ा अजीब होता है यदि आप इसके स्वाद की वजह से इसे ना पी पाते हों तो इसमें सेब का सिरका मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं.

यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सलाह: (advice to avoid Urinary tract infection)

पानी का हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. जब इस तरह के बैक्टीरिया शरीर में मौजूद हों तब हमें पानी का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए. ज्यादा पानी पीने से खतरनाक बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से शरीर से निकल जाएंगे. मूत्र का गाढ़ा और पीलापन भी कम हो जाएगा इसके अलावा दर्द भी कम हो जाएगा.
कम से कम दिन में 8 लीटर पानी का उपयोग करें. खट्टे फलों में समुचित मात्रा में विटामिन सी तो पाया ही जाता है इसके अलावा साट्रिक अम्ल की मौजूदगी पेशाब नली में उपस्थित गंदे बैक्टीरिया को बाहर निकालने में सहायक सिद्ध होता है. इन फलों में संतरा, आंवला सहित नीबू मुख्य हैं. समय-समय पर नीबू पानी का भी सेवन करते रहना चाहिए. ऐसे फल अपने आप में नेचुरल एंटी ओक्सिडेंट होते हैं. इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंधों से बचने के अलावा सार्वजनिक टॉयलेट्स से परहेज रखना चाहिए.

यूरिन ट्रैक्ट संक्रमण में खानपान ( Food In Urinary tract infection)

यदि आप इस संक्रमण से जूझ रहे हैं तो खानपान को संयमित रखने की जरूरत होती है. अधिक से अधिक साफ़ पानी पीने के अलावा लौकी का पेठा, आंवले का मुरब्बा और दही की लस्सी के अलावा दूध का भरपूर सेवन आपको इससे निजात दिला सकता है. इसके अलावा धूम्रपान, शराब का सेवन से बचने की जरूरत होती है.

इसे भी पढ़े: अजवाइन के घरेलू नुस्खे जो शरीर के लिए हैं बेहद उपयोगी

× How can I help you?