कुछ ऐसी औषधियां जो डेंगू को दे सकती हैं मात
- डेंगू मादा (एडीज इजिप्टी) मच्छर के काटने से फैलता है.
- तो देश में हर साल इस तरह के करीब 60 लाख मामले सामने आते हैं.
- डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर आमतौर पर सुबह के समय काटते हैं.
- डेंगू बुखार आमतौर पर बरसात के महीनों में फैलने वाला रोग है.
- इस बुखार के मच्छर साफ़ पानी में फैलते हैं.
- मादा एडीज इजिप्टी मच्छर आम मच्छरों की अपेक्षा ज्यादा उंचाई पर उड़ पाने में समर्थ नही होते.
- अचानक भूंख में कमी का अनुभव महसूस होना भी डेंगू का लक्षण हो सकता है.
बदलते मौसम के साथ लोगों में बीमारियाँ घर करना शुरू कर देती हैं. इन बीमारियों में कुछ तो ऐसी भी होती हैं जिनका मेडिकल साइंस में अब तक कोई सटीक उपचार मौजूद नही है. मसलन इन्ही में एक है डेंगू रोग ( Dengue Disease).
इससे बचाव के लिए सिर्फ सावधानी ही बेहतर उपचार होता है. यदि समय से इसका इलाज़ ना किया गया तो लाइलाज हो जाता है. डेंगू बुखार( Dengue Fever) में बचाव के लिए पपीते के पत्तों से बनी दवा( Papaya Leaves) दुनिया की अब तक की सबसे अच्छी दवा मानी जाती है. पपीते से बनी दवा के सेवन से जहां आपका प्लेटलेट स्तर( Platelet Level) बढ़ जाता है तो दूसरी तरफ़ शरीर की कमजोरी गायब हो जाती है.
जानिए क्या है डेंगू
डेंगू मादा (एडीज इजिप्टी) मच्छर के काटने से फैलता है। इन मच्छरों के शरीर पर धारदार रेखाएं होती हैं. आमतौर पर लोग यह सोचते है कि आखिर डेंगू है क्या, तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बुखार के लक्षण(Symptoms of Dengue fever) और उसके निदान के बारे में विस्तार से बताएंगे.
डेंगू सम्बंधित तथ्य और आंकड़े
जब कोई एडीज इजिप्ट नाम का मादा मच्छर किसी व्यक्ति का खून चूसता है तब उसकी लार के माध्यम से डेंगू का वाइरस (virus of Dengue) उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है. इस स्थिति में शिकार हो चुके व्यक्ति में यह वाइरस बहुत अधिक मात्रा में फ़ैल जाता है. जब यह मच्छर किसी दूसरे व्यक्ति को काटता है तब उस इंसान में भी वाइरस चला जाता है. इस रोग से भारत जैसा विशाल देश बुरी तरह कराह रहा है. यदि आंकड़ों की बात करें तो देश में हर साल इस तरह के करीब 60 लाख मामले सामने आते हैं. इनमें हज़ारों लोग असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं.
डेंगू बुखार के कारण
- डेंगू मादा (एडीज इजिप्टी) मच्छर के काटने से फैलता है। इन मच्छरों के शरीर पर धारदार रेखाएं होती हैं.
- डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर आमतौर पर सुबह के समय काटते हैं.
- डेंगू बुखार (Dengue Fever) आमतौर पर बरसात के महीनों में फैलने वाला रोग है.
- इस बुखार के मच्छर साफ़ पानी में फैलते हैं.
- मादा एडीज इजिप्टी मच्छर आम मच्छरों की अपेक्षा ज्यादा उंचाई पर उड़ पाने में समर्थ नही होते.
- यदि कोई व्यक्ति डेंगू से संक्रमण(infection In Dengue) का शिकार हो गया है तो उसके खून से दूसरे के खून में भी यह मच्छर रोग डाल सकने में सक्षम होता है.
डेंगू बुखार के लक्षण(Symptoms Of Dengue Fever)
- मच्छरों की मादा प्रजाति एडीज के काटने से फैलने वाला बुखार अपने पीछे कई तरह के लक्षण छोड़ जाता है.
- ठण्ड लगने के साथ तेज बुखार होता है.
- शरीर में हल्का दर्द महसूस होना भी इसका लक्षण होता है.
- इसका डेंगू वाइरस (Dengue Virus) शरीर में प्रविष्ट कर जाने पर सिर, जोड़ों और शरीर की मांशपेशियों में तेज या हल्का दर्द महसूस होता है.
- आँखों के पिछले हिस्से में दर्द की अनुभूति होती है. यहाँ तक कि आँखों के इधर-उधर हिलाने डुलाने से भी दर्द बढ़ जाता है.
- अचानक भूंख में कमी का अनुभव महसूस होना भी डेंगू का लक्षण हो सकता है.
- थकान महसूस होने के साथ ही कमजोरी, जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना भी इस बुखार के लक्षण हो सकते हैं.
- चेहरे, छाती और गर्दन पर लाल-गुलाबी चक्कते या रेशेस पड़ने पर भी डेंगू बुखार की आहट की तरफ़ इशारा करता है.
- हड्डियों में अचानक तेज दर्द होना भी इस बुखार की तरफ़ इशारा करता है. डेंगू रोग को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है.
डेंगू बुखार के प्रकार
वर्गीकरण के लिहाज़ से डेंगू रोग को तीन भागों में बांटा गया है.
- क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार(Classical Dengue Fever)- यह बुखार आम बुखारों की तरह ही कोल्ड के साथ उत्पन्न होता है.
- डेंगू हैमरेजिक बुखार- इस बुखार में शरीर की स्वेत रक्त कणिकाएं अपन न्यूनतम स्तर पर पहुँच जाती हैं. इसके कारण आपको ब्रेन हैमरेज तक हो जाता है. शौच या उलटी में खून आना नाक और मसूढ़ों से खून आना साथ ही चमड़ी पर नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते हो जाना. अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार (Dengue Fever) के लक्षणों के साथ-साथ ये लक्षण भी दिखाई दे तो समझ लीजिए आप इस बुखार के बहुत रियर स्थिति में हैं.
- डेंगू शॉक सिंड्रोम- यह बेहद ही खतरनाक स्थिति पैदा कर देता है. इस स्थिति में डेंगू का मरीज कौमा में भी पहुँच जाता है. इसमें (RBC) स्वेत रक्त कणिकाएं अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंचकर शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता( Immunity Of Body) बिलकुल समाप्त ही कर देती हैं. अत्यधिक आंतरिक रक्तश्राव होने की वजह से मरीज की जान जाने का ख़तरा बना रहते है.
डेंगू बुखार सम्बंधित जटिलताएं
एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने के बाद डेंगू बुखार का लक्षण आपके भीतर 3 से 5 दिन के भीतर दिखना शुरू हो जाता है. वैसे डेंगू बुखार का लक्षण(symptoms of dengue) आपके शरीर में 7 दिनों के अंतराल पर भी दिख सकता है. इसकी मियाद दो सप्ताह या इससे भी अधिक हो सकती है. देश में करीब 6 मिलियन लोगों में हर साल इस तरह का लक्षण उत्पन्न होता है. इसका कोई भी सटीक इलाज़ अभी तक उपलब्ध नही है लेकिन आयुर्वेद के कुछ नुस्खे इस रोग में कारगर साबित हुए हैं.
डेंगू में सावधानियां/बचाव (Precaution In Dengue)
- वैसे डेंगू किसी को भी हो सकता है और हर कोई इससे अपना बचाव भी कर सकता है.
- अपने आसपास पानी इकठ्ठा ना होने दें.
- कूलर का पानी समय समय पर बदलते रहना डेंगू में सावधानी (Precaution In Dengue) का एक अच्छा उपाय है.
- छत पर रखे गमलों को रोज साफ़ करें जिससे उसमें मच्छरों के पनंपने की संभावना बेहद कम हो जाए.
- यदि आप गाँव में रह रहे हैं तो नीम की पत्ती को जलाकर मच्छरों को भगा सकते हैं.
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग इस बुखार में सावधानी के लिए अच्छा विकल्प होता है.
- डेंगू से बचाव(Prevention Of Dengue) के लिए किचन या घर में किसी भी बर्तन में साफ़ पानी हो तो उसे कभी भी खुला ना छोड़ें.
डेंगू बुखार का प्राकृतिक उपचार (Treatment Of Dengue Fever)
वैसे इस बुखार के उपचार की कोई सटीक दवा मार्केट में मौजूद नही है. डेंगू बुखार के उपचार में घरेलू नुस्खे (Home remedies for the treatment of dengue) बेहद फायदेमंद साबित होते हैं. मसलन इसमें आयुर्वेदिक नुस्खे भी काफी लाभकारी होते हैं.
पपीते के पत्तों से डेंगू का इलाज़( Treatment Of Dengue With Papaya Leaves)
- भारत देश जड़ी-बूटियों का खजाना रहा है, समय समय पर हमारे पूर्वजों ने इसका प्रयोग कई घातक बीमारियों को ठीक करने में किया है. पपीते से डेंगू का इलाज (Dengue Treatment With papaya) बेहद ही उच्च श्रेणी का घरेलू उपाय होता है.
- डेंगू का वाइरस लगातार शरीर के प्लेटलेट्स को चाटता रहता है. प्लेटलेट्स कम हो जाने से शरीर बेहद कमजोर हो जाता है. पपीते के पत्तों को पीसकर एकल गिलास पानी में पीने से तुरंत प्लेटलेट्स अपने उच्च स्तर पर पहुँच जाता है.
- दिन में 2 से 3 बार पपीते के पत्तों का जूस पीने से प्लेटलेट्स की कमी नही होगी और डेंगू बुखार सही हो जाएगा.
- इस बुखार में अप पके हुए या कच्चे पपीतों का सेवन कर सकते हैं.
- कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि पपीता और उसके पत्ते डेंगू रोग ठीक करने के साथ ही कई तरह के कैंसर और मलेरिया रोग को जड़ से समाप्त कर सकते हैं.
बकरी के दूध में छुपा है डेंगू का इलाज़
इस दूध की सुगंध ही इसके औषधीय गुणों की तरफ़ इशारा करती है. आज हम आपको बताएँगे कि बकरी के दूध से डेंगू का इलाज़( Treatment Of Dengue With Goat Milk) कैसे किया जाता है. बकरी के दूध में फोलिक एसिड नामक आवश्यक विटामिन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो आपकी शरीर के रक्तचाप को संतुलित रखता है. बकरी का दूध बेहद सुपाच्य होता है. यह महज़ 20 मिनट में शरीर में पच जाता है बल्कि अन्य दूध पचने में 7 से 8 घंटे का समय ले लेते हैं.
- दिन में 3 से 4 बार बकरी के दूध का सेवन डेंगू के रोगियों के लिए रामबाण साबित होता है.
- कुछ साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में फैले डेंगू रोग में बकरी के दूध की डिमांड (Demand for goat milk in dengue disease) काफी बढ़ गई थी. लोग इसे 8 सौ से लेकर हज़ारों रूपए लीटर तक में खरीद रहे थे.
गिलोय से डेंगू का इलाज़( Dengue Treatment With Giloy)
- आयुर्वेद से डेंगू का इलाज़ करने के लिए गिलोय का जूस मरीजों के लिए प्राणरक्षक की तरह काम करता है. गिलोय ऐसा रसायन है जो आपके शरीर में घटती स्वेत रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में बेहद उपयोगी होता है. यह (टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया) की एक सालभर चलने वाली लता होती है. इसका सेवन पीलिया और बेहद बिगड़े हुए बुखार को उतारने के लिए युगों- युगों से किया जाता रहा है.
- गिलोय के रस में 10 पत्ते तुलसी का मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करना आयुर्वेदिक नुस्खे में शामिल है. इससे आपके शरीर में तेजी से घट रही स्वेत रक्त कणिकाएं तेजी से बढ़ना शुरू हो जाएंगी.
- गिलोय एक कड़वा रसायन होता है. इसकी कडवाहट कम करने के लिए आप इसमें अनार का जूस मिलकर पी सकते हैं. इसका सेवन दिन में 3 से 4 बार करने की जरूरत होती है. इससे आपका प्लेटलेट्स बढ़ना शुरू हो जाएगा.
- अनार के जूस का सेवन भी डेंगू रोकने का घरेलू नुस्खा है. यह आपकी लाल रक्त कणिकाएं बढ़ाने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है.
कीवी से डेंगू का इलाज़ ( Dengue Treatment With Kivi)
- डेंगू रोग में किवी के फायदे बहुत हैं. पहाड़ी फल कीवी में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, पोटैशियम व अन्य तत्व प्रचुरता से पाए जाते हैं. इसके रस का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है.
- डेंगू के मरीज को कीवी का जूस दिन में 3 से 4 बार पिलाएं. ऐसा करने से शरीर में प्लेटलेट्स का स्तर बढ़ता जाता है. डेंगू बुखार में कीवी की होम रेमेडी बेहद फायदे वाली चीज होती है.
पपीता, गिलोय, बकरी का दूध, किवी, अनार और अन्य पेय पदार्थ की आयुर्वेदिक दवा(Ayurvedic Medicine In Dengue) के रूप में काम करते हैं. प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए इनका सेवन बेहद लाभदायक होता है. इसके अलावा एलोवेरा का सेवन भी बुखार के इलाज़ की एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक दवा मानी जाती रही है. एलोवेरा के 4 चम्मच की मात्रा दिन में 3 से 4 बार प्रयोग करने से डेंगू बुखार में राहत मिलती है.
डेंगू का शरीर पर प्रभाव( Dengue Effect On Body) बहुत ही बुरा होता है. इस रोग की वजह से लोगों में बेहद कमजोरी आ जाती है. शरीर में खून की मात्रा कम होने के साथ ही कई अन्य तरह के रोग से पीड़ित होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. हर लिहाज़ से रोग में पपीता( Papaya In Dengue) और उससे बना एक्सट्रेक्ट बेहद ही कारगर साबित हुआ है. दुनियाभर के वैज्ञानिकों के शोध में यह पाया गया है कि पपीते का रस, तना, पत्ती यहाँ तक की इसके जड़ो में भी प्लेटलेट( Platelets) बढ़ाकर रोगी को स्वस्थ करने की क्षमता होती है. फिर भी पता लगते ही चिकित्सक की सलाह से दवा लें और अपने प्लेटलेट्स( Platelets) की जांच कराएं. किसी भी नुस्खे का प्रयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लें.
डेंगू में खानपान सम्बंधित सलाह
ताजा जूस, सूप और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए.मरीजों को अपनी सेहत का खास खयाल रखने की जरूरत होती है.तैलीय भोजन से परहेज रखें साथ ही तेज मसालेदार भोजन भी न करें. अन्य बुखार की ही तरह इसमें भी मरीज की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है.
यूनानी चिकित्सा से डेंगू का उपचार
ऊपर दिए गए नुस्खे रोग में असरदार होते हैं लेकिन इनके सेवन से इलाज़ में देरी हो सकती है. यदि रोग से फौरी राहत पाना है तो आप अतिया हर्ब्स(Atiya Herbs) के संस्थापक हकीम सुलेमान खान( hakeem Suleman khan) द्वारा देश के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में पपीते के पत्तों द्वारा बनी दवा (Papaya Extract Leaves) का इजाद किया है जो डेंगू रोग( dengue Disease) में बेहद ही कारगर है. इस दवा का निर्माण देश के सर्वश्रेष्ठ अनुभवी यूनानी चिकित्सकों की देखरेख में किया गया है. यह दवा GMP से प्रमाणित है और इसके सेवन से शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नही पड़ता. दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप घर बैठे इस दवा को आर्डर कर सकते हैं.