पेट की समस्या से परेशान आर.बी वर्मा जी को मिला हकीम जी के नुस्खों से काफी फायदा

2 months ago | 5 mins

अनिल कुमार जी वैसे तो बिहार के रहने वाले है लेकिन पिछले कई वर्षों से काम के सिलसिले से दिल्ली में रह रहे हैं। कई साल पहले अनिल जी को कंधे और कमर में गंभीर चोट आई थी और उनका एक दौर ऐसा भी आ गया था कि ना उनसे ठीक से खड़ा हुआ जाता था और ना बैठा जाता था। यह समस्या ठीक भी नहीं हुई थी कि कुछ समय बाद उनके घुटनों में दर्द ने अपनी जगह बना ली। उनकी ऐसी दशा हो गई थी कि सही से चल पाना भी उनके बस में नही था। जिसके कारण उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन हकीम जी के नुस्खों ने उनके लिए मिरेकल की तरह काम किया। यह दावा हम नहीं बल्कि खुद अनिल जी कर रहे हैं।

कौन है अनिल कुमार जी ?

बिहार के रहने वाले अनिल जी आर्टिस्ट हैं। कई साल पहले वे दिल्ली में अपने परिवार के साथ आए थे। पेशे से वे एक टीचर हैं, लोगों को कला सिखाने के साथ-साथ वे खुद भी अक्सर आर्ट किया करते थे।

उनकी पेंटिंग करने में काफी दिलचस्पी है लेकिन सीढ़ियों से फिसलने के कारण उनका इस पैशन पर मानो फुलस्टॉप लग गया। गिरने के बाद कैसे बदली उनकी जिंदगी, आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी।

एक हादसे से कैसे बदली अनिल कुमार जी की जिंदगी ?

अनिल कुमार जी आर्टिस्ट हैं वे जितना मन से कला सिखाते हैं उतने जुनूनी खुद भी हैं। लेकिन सीढ़ियों से गिरने के बाद मानों उनकी जिंदगी अंधकार की और बढ़ती चली गई। उनके लिए बैठना मुश्किल होने लगा था। उनका काम रूकने लगा था जिसकी वजह से घर में आर्थिक तंगी की चिंता अनिल जी को खाए जा रही थी। हालत ऐसी थी कि वे पेंटिंग करने के लिए पेंटिंग ब्रश को ज़्यादा समय तक होल्ड नहीं कर पाते थे। पेटिंग करते हुए जरा सी देर में ही उनके दाएं कंधे में दर्द होना शुरू हो जाता था। उनका कमर का दर्द भी असहनीय रहता था जिसकी वजह से उनको हर समय थकावट और कमज़ोरी महसूस होती थी। दिन के कई कई घंटे वे बिस्तर पर बिताने लगे थे जिससे उनका परिवार भी काफी चिंता में रहने लगा था।

अनिल जी की परेशानी बढ़ती ही जा रहा थी जहां कमर दर्द ने शरीर को तोड़ना शुरू कर दिया वही दूसरी और घुटनों में भी दर्द ने अपनी जगह बना ली थी जिसके कारण उनका ऊपर फ्लोर तक जाने के लिए सीढ़ी चढ़ना उतरना दुश्वार हो गया था। ऐसी स्थिति बनते देख वे कुछ समय तक के लिए ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट हो गए थे। अपनी तकलीफों के साथ वे जैसे तैसे कुछ दवाईयों की मदद से अपना जीवन काट तो रहे थे लेकिन उनके कोई आराम नही मिल रहा था आराम कुछ देर के लिए मिलता था जिसके बाद फिर से वही दर्द की परेशानी उन्हें तकलीफ देती रहती थी।

किन-किन परेशानी से जूझ रहे थे अनिल जी

  1.  सीढ़ियों के गिरने के बाद बढ़ने लगी तकलीफ
  2.  सही से काम ना कर पाने की वजह से रूकने लगा काम
  3.  चलना-फिरना हो गया मुश्किल, नहीं मिला रहा था आराम
  4.  घर में आर्थिक तंगी का डर

हकीम साहब से कैसे जुड़े अनिल जी? आइए जानें

एक दिन उन्हें अपने एक दोस्त से हकीम साहब के बारे में सुना वैसे तो वे जल्दी विश्वास नहीं करते लेकिन अपने दोस्त को इतने भरोसे में देख उन्होंने यूनानी मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब जी के बारे में जानना चाहा। दरअसल अनिल जी भी इस बात पर भरोसा करते हैं कि प्राकृतिक दवाएं ज्यादा बेहतर होती है। वे पहले खुद यूनानी बूटियों के बारे में नहीं जानते थे लेकिन जब उन्होंने हकीम जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा। जहां लोगों के अनुभवों को सुनने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि एक बार हकीम जी के नुस्खों को आजमां कर देखना चाहिए। उन्होंने स्क्रिन पर दिखाए जा रहे नंबर की मदद से हकीम जी के क्लीनिक में संपर्क किया और अपनी परेशानी बताई। डॉक्टर ने उनकी परेशानी को देखते हुए यूनानी बूटी T.CARE का इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने बिना देरी किए ATIYA HERBS से यूनानी बूटी मंगाई और उसका इस्तेमाल करना शुरू किया।

हकीम जी के घरेलू नुस्खों और बूटी के इस्तेमाल से कुछ ही समय में अनिल जी को काफी आराम मिलना शुरू होने लगा। उनकी समस्याओं में तो सुधार हुआ ही उसके साथ साथ उनके दिनचर्या में भी काफी सुधार आया जिसकी वजह से वे अपना जीवन फिर से एक बार सेहतमंद तरीके से बिताने लगे। वे बताते हैं कि हकीम जी की बूटी के इस्तेमाल से अब उनको थकान और कमजोरी भी नहीं महसूस होती है। अंग्रेजी दवाओं के दौर में घरेलू नुस्खों और यूनानी दवाओं पर विश्वास करना आसान नहीं है लेकिन हकीम जी के नुस्खे और अनिल जी के विश्वास ने उनको उनकी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार तरीके से काम किया।

तकलीफ में राहत के बाद अनिल जी लोगों को कर रहे हैं प्रेरित

अनिल जी मानते हैं कि यूनानी बूटी और हकीम जी के घरेलू नुस्खे कई बार असर दिखाने में वक़्त लेते है जिसके लिए थोड़ा सब्र रखना भी जरूरी है। अपने अनुभव से वे कहते हैं कि लोगों को एक बार यूनानी बूटी का इस्तेमाल करके जरूर देखना चाहिए। जो दर्द 20 सालों से उनके लिए काल बना हुआ था T-CARE के सेवन के बाद उस दर्द में काफी हद तक आराम हैं। उनके घुटनों के दर्द में भी अब राहत है। इतनी परेशानियों के बाद वह फिर से अपनी दिनचर्या सामान्य तरीके से बिता पाने में सक्षम हैं जिसका सारा श्रेय वह हकीम जी को देते हैं।

अनिल जी हकीम जी के यूनानी इलाज और घरेलू नुस्खों से इतना प्रभावित हैं कि वह अब अपने जान पहचान के लोगों,,सगे सम्बन्धी और अन्य लोगों को भी उनके द्वारा बताए गए नुस्खे और बूटी को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। जिस तरह यूनानी इलाज अपनाकर उनका जीवन अब समान्य तरीके से गुजर रहा है, वे अपने आपको स्वस्थ और फुर्तीला महसूस कर रहे हैं वह चाहते हैं कि उसी प्रकार अन्य लोग भी सेहतमंद होकर अपना जीवन खुशहाल तरीके से बिताएं।

आप अनिल कुमार जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं...

T. CARE क्या है?

 टी-केयर माननीय हकीम सुलेमान खान द्वारा तैयार की गई एक कुशल दवा है जिन्हें एस केयर और आर केयर दवा से राहत नहीं मिल पाती है। उनके लिए टी-केयर काफी उपयोगी है। ये दवा एस केयर और आर केयर का संयोजन है, जो तुरंत काम करना शुरू कर देता है। टी-केयर मांसपेशियों की समस्याओं के मूल कारण से लड़ने में मदद करता है। यदि अत्यधिक जोड़ों के दर्द के कारण आपका जीवन सीमित हो गया है और आप जोड़ों में सूजन और कठोरता के कारण दुखी महसूस करते हैं और हर दवा इस समस्या को ठीक करने में विफल रही है, तो हकीम सुलेमान खान की टी केयर आपके लिए उपयोगी है।
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