बुढ़ापे में घुटनों के दर्द से परेशान आशा जी दूसरों के सहारे जिंदगी बिताने को थी मजबूर

1 Days ago | 10 mins

घुटने का दर्द सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है और अचानक शुरू हो सकता है, ज्यादातर जोरदार व्यायाम या चोट के बाद। घुटने के दर्द के कुछ सामान्य कारणों में अचानक चोट लगना, अति प्रयोग से होने वाली चोट जैसी अंतर्निहित स्थितियां हैं। घुटने की चोट के लक्षणों में जकड़न, दर्द और सूजन शामिल हो सकते हैं। घुटने का दर्द हल्की बेचैनी के रूप में भी शुरू हो सकता है, फिर धीरे-धीरे बढ़ता है और बदत्र हो जाता है। वैसे तो जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी वक्त आता है जब परेशानी व्यक्ति का पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती। इस स्थिति में आकर व्यक्ति खुद से ही हार जाता है। ऐसे बहुत से व्यक्ति होते हैं जो लगातार परेशानी बने रहने के कारण जिंदगी से हिम्मत हार जाते हैं। लेकिन कुछ व्यक्ति साहस बनाये रखते हैं और जिंदगी की डोर को पकड़े रहते हैं। ऐसी ही एक आत्मकथा बताते हैं चंडीगढ़ की आशा कपूर जी की।

जानिए कौन है आशा जी?

चंडीगढ़ की रहने वाली आशा जी एक गृहणी हैं और उनकी उम्र 77 साल है। आशा जी बहुत ही नरम स्वभाव और दयालु प्रवृत्ति की महिला हैं। लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है इसलिए वह हमेशा लोगों की मदद करने में आगे रहती है शायद इसी वजह से लोग उनकी तारीफ करते हुए नहीं थकते।

आपको बता दें आशा जी का छोटा सा परिवार है और अपने परिवार के साथ वह बहुत ही खुशी के साथ रहती थीं। आशा जी का परिवार उन्हें बहुत ही प्यार के साथ रखता है। जब परिवार में सब स्वस्थ रहते हैं तो खुशहाली बनी रहती है पर शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था उनके जीवन में ऐसी परेशानी आयी कि उनका परिवार भी उन्हें देख काफी चिंतित रहने लगा।

आखिर कैसे एक्सीडेंट ने बदली आशा जी की जिंदगी? जानें पूरी कहानी

आपको बता दें करीब 13 साल पहले आशा जी के साथ एक एक्सीडेंट की घटना घटित हुई। जिसमें उनके एक घुटने में फ्रेक्चर हो गया। महीनों अस्पताल में रहने के बाद उन्हें घर लाया गया और उनका उपचार जारी रहा। अभी आशा जी पूरी तरह से स्वस्थ भी नहीं हुई थीं कि उनके दूसरे घुटने में धीरे-धीरे दर्द होना शुरू हो गया। फिर यही हादसा उनके साथ दोबारा हुआ। बाथरूम में नहाते हुए उनका घुटना अकड़ गया। जो कि उस समय काफी तकलीफदेह था। आशा जी को पहले से भी ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी। अब वे व्हील चैयर पर आ गयी थीं। उनका उठना-बैठना, चलना-फिरना सब बंद हो गया। इसी स्थिति में कुछ महीनें और बीतें स्वास्थ्य हल्का सा सही हुआ और वे छड़ी के सहारे चलने लगीं। आशा जी को लगने लगा कि धीरे-धीरे अब वे स्वस्थ हो जायेंगी। लेकिन भाग्य में कुछ और ही लिखा था। वे अपने पड़ोस में किसी का घर देखने गयीं। तभी उनके साथ पहले दो हादसों से बड़ा तीसरा हादसा हुआ। वे घर में चल रही करीब 4 फुट की खाई में गिर गयीं। उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब वे बिल्कुल टूट चुकीं थी। बुढ़ापे की उम्र में आकर तीन-तीन हादसे होना कोई आम बात नहीं है। आशा जी ने काफी दुखों का सामना किया और जिंदगी की डोर को पकड़े हुए आगे की तरफ बढ़ी। आशा जी काफी सशक्त महिला हैं। उन्होंने इतना सब कुछ होने के बाद भी खुद को सेहतमंद बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया और आखिर में उन्हें सफलता मिली भी।

आशा जी को किन-किन मुश्किलों का करना पड़ा सामना?

  • घुटनों के दर्द की वजह से उठने-बैठने में होती थी काफी तकलीफ
  • आशा जी घुटनों की वजह से छड़ी के सहारे चलने को थी मजबूर
  • तीन हादसे होने के बाद उनकी परेशानी और बढ़ने लगी

आशा जी के बेटे ने दी हकीम जी के नुस्खे अपनाने की सलाह, फिर मिला उन्हें घुटनों में आराम

उनके बेटे ने एक दिन उन्हें माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का नाम सुझाया और बताया कि हकीम जी के घरेलू नुस्खे बहुत ही कारगर हैं। आशा जी ने बेटे की बात पर ध्यान देते हुए हकीम जी के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी को देखना शुरू किया। हकीम जी के शो को देखने के बाद आशा जी को धीरे-धीरे हकीम जी पर भरोसा हो गया। आशा जी के बेटे के दोस्त की माता जी हकीम जी के नुस्खे इस्तेमाल करती थीं। इसी वजह से उन्होंने भी आशा जी को हकीम जी को फॉलो करने की सलाह दी। शुरूआत में तो आशा जी ने घर के नुस्खे अपनाना शुरू किया। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने हकीम जी से अपनी समस्या के लिए दवा जाननी चाही। हकीम जी ने उनके घुटनों के दर्द के लिए सबसे असरदार बूटी गोंद सियाह और S-CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। आशा जी ने ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगाया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। आशा जी का कहना है कि मुझे यकीन ही नहीं हुआ जिस समस्या से मैं पिछले कई सालों से परेशान थी, उसमें बहुत कम समय में ही आराम मिल गया। आशा जी को अपने घुटनों के दर्द में कुछ ही दिनों में फायदा दिखने लगा। आशा जी की अच्छी तबियत देख परिवार के लोग भी काफी खुश होने लगे। और आज वो और उनका परिवार काफी खुशहाल जिंदगी बिता रहा है।

जानें कैसे मिला घुटनों के दर्द में आराम?

  1. गोंद सियाह के सेवन से घुटनों के दर्द में मिली राहत
  2. सेहत और जिंदगी पर हकीम जी से जुड़कर यूनानी नुस्खे अपनाएं
  3. बेट की सलाह से उनके जीवन में आया काफी बदलाव

घुटने स्वस्थ होने के बाद अब लोगों को यूनानी नुस्खे अपनाने की देती हैं सलाह

आशा जी आज बेहतर और स्वस्थ जीवन बिता रही हैं। साथ ही लोगों को भी बताती हैं कि हकीम जी के यूनानी नुस्खे बहुत ही असरदार और कारगर हैं। वह अपने दोस्तों,रिश्तेदारों, को भी हकीम जी के नुस्खे अपनाने की सलाह देती हैं वह चाहती हैं कि जिस तरह से वह स्वस्थ हुई हैं उसी तरह से और लोगों को भी हकीम जी के नुस्खों से फायदा मिले। वे आज जो भी अपना स्वस्थ जीवन बिता रही हैं उसकी वजह हकीम साहब ही हैं। वे हकीम जी को शुक्रिया अदा करके उनकी लंबी उम्र की दुआएं मांगती हैं। आशा जी का कहना है कि हकीम जी जिस भावना और प्यार के साथ लोगों की सेवा कर रहे हैं वह कोई और नहीं कर सकता। हकीम जी साक्षात भगवान का दूसरा रूप हैं।

आप आशा कपूर जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं........

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

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