कमर दर्द में मिले आराम के बाद आसान हुई जिंदगी, अब कर रहे हैं लोगों की मदद
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
भाग दौड़ वाले माहौल में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो दूसरों की मदद कर पाते हैं। अगर आप ऐसी शख्सियत रखने वाले व्यक्ति हैं तो आपको खुश होना चाहिए कि कई लोगों की दुआ आपको मिलती है। निस्वार्थ भाव से किसी की मदद करने वाला व्यक्ति भगवान से कम नहीं होता। ऐसे ही व्यक्ति के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं जिन्होंने हकीम जी की मदद से खुद की तबियत में तो सुधार किया ही है साथ ही कई लोगों की मदद भी कर रहे हैं उनका मानना है कि ये सेवा का एक अच्छा अवसर है। आइए जानते हैं कि कैसे कर्नल वर्मा जी को अपनी कमर की समस्या से राहत मिली और किस तरह से उन्होंने हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाया।
जानिए कर्नल वर्मा जी की सच्ची कहानी के बारें में?
कर्नल वर्मा जी अपने पूरे परिवार के साथ इंदौर के पंचशील नगर में रहते हैं। वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है इसलिए आज भी कई लोग उनसे जुड़े हुए है। आपको बता दें वे काफी समय से गैस और कूकर के मकैनिक का काम कर रहे हैं। कर्नल वर्मा जी बताते हैं कि काफी लंबे समय से वो हकीम जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देख रहे हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने काफी शो देखे सेहत से जुड़े हुए लेकिन जो भरोसा उन्हें सेहत और जिंदगी पर हो रहा था वो किसी पर नहीं हुआ। उन्हें हकीम जी के नुस्खों में सेवा दिखी। जिससे कर्नल वर्मा जी काफी प्रभावित हुए। जब कर्नल वर्मा जी ने सेहत और जिंदगी देखना शुरू किया था उसी बीच उन्हें कमर की दिक्कत की समस्या शुरू हो गई।
जिसके लिए शुरू में तो उन्होंने डॉक्टर से दवा ली लेकिन उससे तकलीफ सही होने की बजाय कर्नल वर्मा जी को और तकलीफ होनी शुरू हो गयी। कमर की समस्या होने की वजह से उन्हें उठने बैठने में काफी तकलीफ होती थी। कर्नल जी बताते हैं कि उनकी कमर की तकलीफ नस दबने से गई थी। बता दें कमर से जुड़ी हमारी ऐसी नसे होती है जो सीधा मस्तिष्क से जुड़ी होती है। नस के दब जाने से उस जगह पर सूजन होने लगती है और असहनीय दर्द भी होता है। वे खुद तो इस समस्या से परेशान थे ही लेकिन दवा से आराम ना मिलने के कारण उनका परिवार भी चिंता में आ गया था। उसी बीच उन्होंने सोचा कि क्यों ना वह एक बाक हकीम जी के यूनानी नुस्खे अपनाकर देखें।
हकीम जी के नुस्खों से कैसे बदली कर्नल वर्मा जी की जिंदगी?
आपको बता दें जब से उन्होंने हकीम जी का शो देखना शुरू किया है तब से वे धीरे-धीरे नुस्खे भी समझने लगे थे। एक दिन उन्होंने अपनी समस्या लाइव प्रोग्राम के बीच हकीम जी को बताई। हकीम जी ने कर्नल जी को गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। गोंद सियाह के इस्तेमाल से कर्नल वर्मा जी को कमर की समस्या में काफी आराम मिला। पहले वह कमर की दिक्कत की वजह से उठ-बैठ नहीं पाते थे चलना उनके लिए काफी मुश्किल हो गया था पर अब उन्हें काफी आराम है। साथ ही वे हकीम जी की बातों से इतने प्रभावित हुए कि वे रोजाना प्रोग्राम देखने लगे। वे बताते हैं कि वे रोजाना लाइव शो के इंतजार में रहते हैं और अगर लाइव शो नहीं भी आता है तो पुरानी रिकॉर्डिंग देख लेते हैं।
कर्नल वर्मा जी हर व्यक्ति को जिन्हें कुछ ना कुछ समस्या होती है उन्हें एक बार हकीम जी के नुस्खों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। वे बताते है कि जब लोगों को फायदा होता है तो वो खुद-ब-खुद हमारे पास आते हैं और अपनी समस्याओं के लिए नुस्खा पूछते हैं या कुछ मंगवाना होता है तो भी आकर बोल देते हैं। इस तरह से हकीम जी की तरह हमें भी निस्वार्थ सेवा करने का मौका मिल जाता है।
कर्नल वर्मा जी की कहानी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- कमर दर्द में है अब पहले से काफी आराम
- अब आराम मिलने के बाद कर रहे हैं लोगों की मदद
- पहले उठने बैठने में दिक्कत होती थी पर अब नहीं होती
कर्नल वर्मा जी हकीम जी के नुस्खों से हुए काफी प्रभावित
कर्नल जी का मानना है कि मदद करने के बाद जो लोगों को आराम मिलता है और हमें दुआ मिलती है बस वही पैसों से नहीं खरीदी जा सकती। कर्नल वर्मा जी हकीम सुलेमान खान साहब जी की हाजिर जवाबी से भी काफी प्रभावित रहते हैं। इसलिए जब भी लाइव शो शुरू होता है वे पहले ही कॉल मिलाना शुरू करते हैं। कई बार तो केवल हाल चाल जानने के लिए कर्नल वर्मा जी हकीम साहब से बाते कर लेते हैं। वे बताते हैं कि हकीम जी के इतने नुस्खे देखने के बाद अब वे भी काफी समझने लगे हैं कि किस चीज का इस्तेमाल कहां किया जाना चाहिए हांलाकि फिर भी वे मार्गदर्शन के लिए हकीम साहब से बातचीत कर लेते हैं।
वे बताते हैं कि लोगों की पुरानी समस्या का इतनी आसानी से नुस्खा बन जाता है जिससे लोगों को बेहद आऱाम भी मिल सकता है। वरना लोग क्यों मुझ से यूनानी नुस्खों के बारे में जानना चाहेंगे। कर्नल वर्मा जी लोगों के कहने पर ATIYA HERBS से यूनानी नुस्खों को मंगवा देते हैं और खुद भी कई समस्या के लिए हकीम जी के घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं।
कमर दर्द में मिले आराम के बाद कर्नल वर्मा जी अब क्या करते हैं?
- हकीम जी के नुस्खों से मिली काफी राहत
- लाइव प्रोग्राम के जरिए भी हकीम साहब से जुड़े हुए हैं
- हकीम जी के मार्गदर्शन से लोगों की करते हैं मदद
हकीम जी निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं लोगों की मदद
कर्नल वर्मा जी हकीम जी के व्यवहार से इतने प्रभावित है कि वे बताते हैं कि जब से हमने हकीम जी को देखना शुरू किया है तब से कुछ और नहीं देखा। ये एक स्नेह है हकीम जी से, जो सेवा वो निस्वार्थ करते हैं उसके बदले। वे कहते हैं कि हकीम जी के नुस्खों से कई लोगों को काफी आराम है साथ ही आपको बता दें आप किचन में रखे हुए मसालों से भी नुस्खों को तैयार कर सकते है।
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।