जब दयावती जी पति की परेशानी को देख रहती थी काफी दुखी तब उनका सहारा बना यूनानी नुस्खा
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
यदि शरीर को स्वस्थ रखने की बात की जाये तो स्वास्थ्य को देखते हुए वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या घुटनों का दर्द है। जिससे बुजुर्गों के साथ-साथ युवा भी परेशान हो रहे हैं। घुटनों का दर्द एक ऐसा दर्द है जो उम्र के बढ़ने के साथ ही काफी तकलीफदेह भी हो जाता है। इस दर्द के कारण व्यक्ति का चलना-फिरना, उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को शुरूआत में ही सही किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह एक स्थायी समस्या बन जाती है। इस समस्या में कितना दर्द हो सकता है शायद आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही आत्मकथा के बारें में जो घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे और वो हैं दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी।
जानें कौन है दयावती जी?
दिल्ली की रहने वाली दयावती जी काफी दयालु स्वभाव की महिला हैं। वह हमेशा से हर किसी की मदद करने के लिए तैयार रहती हैं। दयावती जी काफी सुलझी हुई महिला हैं, इसलिए लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं। अगर उनके जानकार में किसी को भी कोई परेशानी होती है तो वह सबसे पहले दयावती जी से सलाह लेते हैं। उनके परिवार का आस पास के लोग काफी सम्मान करते हैं। दयावती जी एक सम्मानित गृहिणी हैं, जिन्होंने अपना घर पूरी ज़िम्मेदारी के साथ संभाला हुआ है। दयावती जी के पति काफी समय से घुटनों के दर्द से परेशान थे।
उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। जिसकी वजह से दयावती जी भी काफी परेशान रहने लगी। दिल्ली की रहने वाली दयावती जी अपने छोटे और हंसते खेलते परिवार के साथ जीवन बिता रही हैं। उनका बहुत छोटा और खुशहाल परिवार है। जिनके साथ वह भी रहती हैं। उनके परिवार में कुल मिलाकर पाँच लोग हैं। परिवार में उनके पति महेंद्र सिंह जी, एक बेटा और एक बेटी, बेटी का एक छोटा बेटा भी दयावती जी के साथ रहता हैं। दयावती जी का बेटा मुंबई में बिज़नेस करता है। दयावती जी की बेटी स्टेट बैंक में मैनेजर की नौकरी करती है। दयावती जी के पति 5 साल पहले डीटीसी से रिटायर हो गए थे।
दयावती जी के पति को आखिर कौन सी परेशानी हुई? जानें पूरी कहानी?
आपको बता दें कुछ साल पहले दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी के घुटने में दर्द हुआ और दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि वह चल भी नहीं पाते थे। उनके पति घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे की तब तक उन्हें एक और समस्या हो गयी जिसकी वजह से वो पूरी तरह से बेड पर रहने लगें। यही नहीं इसके साथ साथ उन्हें कमर की दिक्कत भी शुरू हो गयी। अपनी समस्याओं से परेशान महेंद्र जी को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। दयावती जी ने दर्द को कम करने की कई सारी कोशिश की पर आराम नहीं मिला। दयावती जी ने आस ही छोड़ दी थी की उनके पति को कभी आराम मिल सकता है। शायद उनका ये समय काफी खराब चल रहा था। उन्होंने कई डॉक्टर को भी दिखाया।
पर उन्हें कोई आराम मिलता नजर नहीं आ रहा था। महेंद्र सिंह जी ने अपनी समस्याओं के लिए ना जाने कितने डॉक्टर्स बदले, और ना जाने अपनी समस्या में कितने रुपए लगाए। लेकिन उन्हें अपनी दिक्कतों में फायदा ही नहीं मिल रहा था। महेंद्र सिंह जी अपनी कई परेशानियों के कारण बेड से उठ भी नहीं पाते थे। उनके इस मुश्किल समय में दयावती जी ने उनका पूरा साथ दिया। महेंद्र सिंह जी अपने दर्द से बिल्कुल हार मान चुके थे, पर कहते हैं ना जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तो ऊपरवाला किसी को फरिश्ता बना कर मदद के लिए भेजता है और दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी की जिंदगी में वो फरिश्ता हकीम सुलेमान खान साहब साबित हुए।
दयावती जी की कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण बिंदु
- उनके पति हर जगह से हार मान चुके थे
- हकीम सुलेमान खान साहब उनके जीवन में फरिशता बनकर आये
- घुटनों का दर्द बढ़ने से जीवन की मुश्किलें बढ़ी
दयावती जी ने हकीम साहब के नुस्खे अपनाकर अपने पति के स्वास्थ्य को किया बेहतर
आपको बता दें दयावती जी एक दिन रोजाना की तरह टीवी देख रही थीं। तभी उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब जी का शो ”सेहत और ज़िंदगी” देखा। दयावती जी हकीम साहब द्वारा लोगों की मदद करने की कोशिश से काफी प्रभावित हुई। साथ ही वह नियमित रूप से शो देखने लगी। दयावती जी को हकीम साहब के रूप में अपने पति के लिए एक नई उम्मीद दिखाई देने लगी। दयावती जी ने हकीम सुलेमान खान साहब जी का शो, ”सेहत और ज़िंदगी” में पहली बार गोंद सियाह के बारे में सुना और हकीम साहब जी द्वारा सुझाया गया गोंद सियाह ATIYA HERBS से मंगवाया और पूरे नियम के साथ जैसा हकीम साहब जी ने बताया था वैसे ही अपने पति महेंद्र सिंह जी को खिलाया। सिर्फ कुछ ही दिनों के अंदर महेंद्र सिंह जी को असर दिखना शुरू हो गया।
उनके घुटनों में दर्द कम होने लगा। इसके बाद उन्होंने गोंद सियाह का सेवन तब तक किया जब तक हकीम साहब ने बताया और अब महेंद्र सिंह जी को घुटनों के दर्द में काफी आराम है। पहले तो हकीम जी के यूनानी नुस्खों पर उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था पर नुस्खे अपनाने के बाद उन्हें हकीम जी पर काफी विश्वास हो गया है। जिस तरह से उनके जीवन में बुरा वक्त गुजरा। उससे हमें ये तो पता चलता है कि बुरा वक्त बस कुछ ही समय के लिए आता है पर एक न एक दिन ये गुजर ही जाता है। इस वक्त की यही सबसे अच्छी आदत होती है।
हकीम जी के नुस्खे अपनाकर कैसे बदली जिंदगी?
- अब दयावती जी के पति को घुटनों के दर्द में काफी राहत है
- गोंद सियाह के सेवन से दर्द में आराम मिला है
- सेहत और जिंदगी प्रोग्राम से अब लगातार जुड़े हुए हैं
दयावती जी अब घर-घर पहुँचा रही हैं हकीम जी के बेहद खास यूनानी नुस्खे
दयावती जी के पति महेंद्र सिंह जी अब वो सारे काम कर पाते हैं, जो वो अपने घुटने के दर्द की वजह से नहीं कर पाते थे। हकीम जी के घरेलू नुस्खों ने महेंद्र जी की ज़िंदगी बदल कर रख दी। आज दयावती जी, महेंद्र जी और उनके दोनों बच्चे हकीम साहब का बहुत धन्यवाद करते हैं और इतना ही नहीं, अब हकीम सुलेमान खान साहब द्वारा बताए गये नुस्खों का सेवन उनका पूरा परिवार, दोस्त और रिश्तेदार सब करते हैं। आज वह अपनी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी का सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं। हकीम साहब के यूनानी नुस्खों से काफी प्रभावित होकर दयावती जी कई लोगों की मदद भी कर रहीं हैं। वह हकीम जी के नुस्खो को खुद घर पर भी बनाती हैं और साथ ही आज हकीम जी के नुस्खों को घर घर पहुँचा रहीं है। जिसमें दयावती जी भी अपनी ओर से काफी प्रयास करती हैं। जिस तरह से उन्हें और उनके पति को फायदा पहुँचा उसी तरह और लोगों को भी अपनी समस्याओं में फायदा मिले यही दयावती जी चाहती हैं। और हकीम साहब ऐसे ही जरूरतमंद लोगों की मदद करते रहें।
आप दयावती जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं.............
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।