घुटनों के दर्द में दौड़ाई साइकिल, लगाई 28 किलोमीटर की परिक्रमा। जानिए जयपुर के मदन लाल साहू की सच्ची कहानी।

1 Days ago | 5 mins

देखिए उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर का कमजोर होना लाजमी है इसमें कोई दो राय नहीं है। जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो न चाहते हुए भी हमें डॉक्टर के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं। लोग डॉक्टरों के चक्कर तो लगाते हैं लेकिन समय रहते डॉक्टर को न दिखाने की वजह से उन्हें वो फायदा नहीं मिल पाता, जो वो चाहते हैं। हम ऐसे कई केस देख चुके हैं जिनमें डॉक्टरों ने घुटने और कमर के असहनीय दर्द को लेकर लोगों को ऑपरेशन कराने की सलाह दे दी थी। ऑपरेशन की नौबत आने के बाद लोग आयुर्वेदिक और यूनानी उपचार की तरफ भागे। कई वैध और हकीमों को दिखाया लेकिन जानकारी के अभाव में और सही उपचार न मिलने की वजह से निराशा ही इनके हाथ लगी। चलिए आपको ऐसे ही एक पेशेंट की दर्द से भरी सच्ची कहानी से अवगत कराते हैं। ये कहानी है मदन लाल साहू जी की। इनकी इस कहानी के साथ-साथ इस आर्टिकल में हम ये भी जानेंगे की उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द क्यों होने लगता है और इसका बचाव कैसे किया जाता है।

मदन लाल साहू और उम्र बढ़ने के साथ कैसे होती है दर्द की शुरूआत?

मदन लाल साहू बड़े ही सज्जन, नेक दिल और स्वाभिमानी व्यक्ति हैं। साहू जी जयपुर के अयोध्या पूरी में गोपालपुरा बाईपास के पास रहते हैं इनकी उम्र 73 साल है। जानेंगे इनकी कहानी लेकिन उससे पहले जानते हैं। उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में होने वाले दर्द की शुरूआत कैसे होती है?

दरअसल जब कोई व्यक्ति ज्यादा दालें, पनीर या फिर प्रोटीन की चीजें देर रात को खाता है और उसको सही से नहीं पचा पाता है तो यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों के पास इकट्ठे हो जाते हैं, जो जोड़ों में होने वाले दर्द का कारण बनते हैं। समय पर इस दर्द पर ध्यान नहीं दिया जाए तो ये दर्द धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। और फिर यहीं से शुरूआत होती है गठिया की। जो की जोड़ों के दर्द की एक खतरनाक बीमारी है।

जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए क्या उपाय करें?

अगर आप चाहते हैं की उम्र बढ़ने पर जोड़ों का दर्द आपके शरीर में दस्तक न दे तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की जरूरत है -

  • समय पर उचित आहार लें।
  • किस मौसम में कौन सी चीज नहीं खानी है इसका ध्यान रखें।
  • ज्यादा से ज्यादा गरम पानी पियें।
  • हो सके तो 15 दिन में एक बार भोजन को विराम दें और फल फ्रूट या फिर खिचड़ी खाएं।
  • अगर दर्द शुरू हो गया है तो तेल से मालिश करें, वर्जिश करें और योग-व्यायाम करें।
  • ज्यादा से ज्यादा पसीना लें।

मदन लाल साहू की आपबीती?

70 साल से ज्यादा की उम्र तक मदन लाल साहू जी ने अपने आप को इस तरह से maintain किया की इन्हें किसी भी तरह के दर्द का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन एक साल पहले अचानक ही साहू जी के घुटने दर्द करने लगे। जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा था दर्द बढ़ता जा रहा था। कुछ ही हफ्तों में ये दर्द इतना बढ़ गया की साहू जी की पूरी दिनचर्या प्रभावित होने लगी। उठने-बैठने से लेकर चलने-फिरने में तकलीफ होना शुरू हो गई। साहू जी ने कई तरह के तेल मार्केट से मँगवाकर शरीर की मालिश की। लेकिन उन्हें कोई भी फायदा नहीं हुआ। साहू जी अकेले ही इस दर्द को सहते रहे उन्होंने इस दर्द के बारे में अपने परिवार में किसी को भी नहीं बताया। इसी असहनीय दर्द में इनके 6 महीने से ज्यादा निकल गए। इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। साहू जी को एलोपैथिक दवाइयों पर भरोसा नहीं था इसलिए वो डॉक्टरों के पास नहीं गए और आयुर्वेद में ही कई तरह के लुब्रिकेंट अपनाते रहे।

एक दिन मदन लाल साहू जी ने टीवी पर हकीम सुलेमान साहब  का फेमस प्रोग्राम ‘सेहत और जिंदगी’ देखा। इस प्रोग्राम के जरिए साहू जी ने एक पेशेंट को हकीम साहब से लाइव कॉल पर जुड़कर बात करते हुए सुना। जो बता रहा था “मुझे 1 साल से घुटनों में दर्द था गोंद सियाह के सेवन से मुझे इस दर्द में राहत मिल गई है।” इस पेशेंट की बात सुनकर साहू जी को ऐसा लगा जैसे उन्हीं की बीमारी के बारे में बात हो रही हो। पूरा प्रोग्राम देखने के बाद साहू जी को पता चला की एक, दो नहीं बल्कि हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें सालों पुराने जोड़ों के दर्द में हकीम साहब की दवाइयों से आराम मिल गया है। साहू जी ने सोचा की क्यों न एक बार इस दवा का सेवन करके देख लिया जाए। फिर क्या था टीवी से नंबर लिया और संस्था में कॉल कर दिया। हकीम सुलेमान साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने साहू जी की तकलीफ को गौर से सुनने और समझने के बाद इनको गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। साहू जी के हाँ कहने पर डॉक्टरों ने इनके घर पर गोंद सियाह का 1 बॉक्स भेजा। साहू जी ने डॉक्टरों के बताए हुए निर्देशों के अनुसार इस कच्चे गोंद का पाउडर बना लिया और सुबह-शाम एक-एक चुटकी लेना शुरू कर दिया। गोंद सियाह ने महज 2 महीने में इनके जीवन में अचंभित कर देने वाला प्रभाव डाला। गोंद सियाह के सुबह-शाम एक चुटकी सेवन से इन्हें इतना फायदा हो गया है कि मदन लाल साहू पैदल परिक्रमा लगाने के लिए मथुरा चले गए और पूरे 38 किलोमीटर की परिक्रमा लगाई। पूरी परिक्रमा में इन्हें दर्द का कोई एहसास नहीं हुआ। मदन लाल साहू जी की तकलीफ इतनी थी की इन्हें खड़े रहने तक में दर्द होता था चलने फिरने की बात तो दूसरी है। हकीम साहब की जड़ी बूटी गोंद सियाह के सेवन के बाद अब ये दौड़ भी लगा देते हैं, यहाँ तक की अब साइकिल भी आसानी से और बिना किसी तकलीफ के चला लेते हैं।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद मदन लाल साहू की जिंदगी में बदलाव:

  1. गोंद सियाह से राहत पाकर साहू जी का आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता बढ़ी।
  2. गोंद सियाह के सेवन से 2 महीने में दर्द में आश्चर्यजनक राहत मिली।
  3. अब साहू जी साइकिल चला सकते हैं और बिना दर्द के दौड़ सकते हैं।

मदनलाल साहू जी ने दौड़कर दिखाया और चलाई साइकिल।

इन्हें घुटनों के दर्द की समस्या में फायदा मिलने के बाद हम जयपुर जाकर मदन लाल साहू जी से मिले। इन्होंने हमें दौड़कर दिखाया और साइकिल चलाकर भी दिखाई। नीचे दी गई वीडियो में आप साहू जी को दौड़ लगाते हुए और साइकिल चलाते हुए देख सकते हैं।ये थी मदन लाल साहू जी की कहानी जिन्हें गोंद सियाह के प्रभाव से घुटनों के असहनीय दर्द में राहत मिली। अगर आप या फिर आपके आसपास कोई भी किसी भी तरह के दर्द से परेशान है तो उस तक जोड़ों के दर्द में सबसे ताकतवर औषधि गोंद सियाह के बारे में ये जानकारी जरूर पहुंचाएं।

आप मदनलाल साहू जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

Back to blog