लखनऊ के महेंद्र प्रताप जी ने नहीं मानी पैरों के दर्द में भी हार, जानें पूरी कहानी?

2 months ago | 5 mins

बढ़ती उम्र के साथ कई समस्याएं आपको परेशान करने लगती हैं उन्हीं में शामिल पैरों का दर्द भी आज के समय में एक आम समस्या बनता जा रहा है जिसकी वजह से उठना-बैठना, चलना काफी मुश्किल हो जाता है। आपको बता दें पैरों का दर्द कई कारणों से हो सकता है चोट लगने, मांसपेशियों में दर्द या बढ़ती उम्र का असर तो अगर आपको भी पैरों का दर्द परेशान कर रहा है तो सही समय पर इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि अगर कोई समस्या बढ़ जाए तो आगे चलकर उससे परेशानी उठानी पड़ सकती है। कई लोग पैरों के दर्द से काफी परेशान रहते हैं उन्हीं में से एक हैं लखनऊ के रहने वाले महेंद्र प्रताप जी जो पैरों के दर्द से काफी परेशान थे तो चलिए जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा के बारे में।

जानिए आखिर कौन है महेंद्र प्रताप जी?

लखनऊ की वृंदावन कॉलोनी में रहने वाले 59 साल के महेंद्र प्रताप जी अपने परिवार के साथ काफी खुशी से रहते हैं। वह काफी दयालु स्भाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी अच्छा लगता है इसलिए कई लोग उनसे जुड़े हुए हैं। वे लखनऊ एयरपोर्ट पर टेक्नेशियन का काम करते हैं। इसी से वह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।

उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया जिससे आज वो अपनी खुशहाल जिंदगी बिता रहे थे पर वो दूसरों की सेहत का ख्याल रखते रखते अपनी सेहत का ख्याल ऱखना ही भूल गए। वैसे तो महेंद्र जी स्वस्थ और खुशहाल जिंदगी अपने परिवार के साथ जी रहे थे लेकिन कुछ समय से वे अपने पैरों के दर्द को लेकर काफी परेशान थे।


कभी सोचा नहीं था कि मुझे पैरों के दर्द के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा

महेंद्र प्रताप जी को पैरों में दर्द और अकड़न की समस्या रहती थी। उनको पैरों के दर्द की परेशानी सालभर से थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी पैन किलर भी नहीं खायी। उनका मानना है कि अगर एक बार वह पैन किलर पर निर्भर हो गये तो काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। ये आराम तो दे देती हैं लेकिन लंबे समय तक इनसे आराम नहीं मिलता थोड़े वक्त के लिए दर्द में आराम मिलता है फिर परेशानी उतनी ही हो जाती है। उनकी तकलीफ इतनी ज्यादा थी कि दर्द की वजह से वे उठ नहीं पाते थे। जब भी उठने की कोशिश करते तो पैर में अकड़न होती थी। हांलाकि थोड़ा वक्त लगता था लेकिन वो सामान्य स्थिति में आ जाते थे।

जिस तरह का उनका काम था उन्हें थोड़ा एक्टिव भी रहना पड़ता था मगर पैर में दर्द और अकड़न ने उनके रोजाना के छोटे-छोटे काम भी मुश्किल कर दिए थे। उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि अब उन्हें पैरों के दर्द में आराम मिल सकता है। पैरों के दर्द की वजह से उनके काम पर भी असर हो रहा था क्योंकि जब परिवार की जिम्मेदारी उठाने वाला घर बैठ जाए तो घर चलाना भी काफी मुश्किल हो जाता है पर वो कहते हैं ना समय बुरा आता है तो अच्छा भी आता है शायद महेंद्र जी का समय भी अच्छा आने वाला था।

कहानी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान दें

  1.  पैरों में दर्द के कारण रहती थी अकड़ना
  2.  चलने फिरने में करना पड़ता था मुश्किलों का सामना
  3.  थोड़े वक्त के लिए आराम मिलता पर फिर दर्द और बढ़ जाता

हकीम जी के बेहतरीन यूनानी नुस्खे अपनाकर बिता रहें हैं सेहतमंद और स्वस्थ जिंदगी

आपको बता दें कुछ समय बाद उनके एक दोस्त शंभू शरण सिंह जी जो लखनऊ एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी हैं, उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में उन्हें बताया। दरअसल शंभू जी भी अपनी परेशानियों के लिए हकीम जी के नुस्खों को अपना रहे थे जिससे उन्हें काफी आराम भी था। वैसे तो महेंद्र जी कोई दवा का सेवन नहीं करते लेकिन जब उन्होंने हकीम जी का चर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा तो लोगों के अनुभवों को सुनकर उन्हें हकीम जी पर भरोसा होने लगा, उनमें एक उम्मीद जगी। शंभू शरण जी महेंद्र प्रताप जी के दोस्त हैं, जब उनके खुद के अनुभव उन्होंने सुने और अपनी आखों से देखा तो उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया। जहां उन्होंने हकीम जी को अपनी समस्या बताई। हकीम जी ने समस्या समझते हुए दर्द में कारगर गोंद सियाह का सेवन करने की सलाह दी। बिना किसी देरी के महेंद्र प्रताप जी ने ATIYA HERBS से ऑर्डर कर गोंद सियाह मंगवा लिया। हकीम जी के बताए अनुसार नुस्खों का सेवन करने के बाद उन्हें इसका असर देखने को मिलने लगा फिर उनके पैरों का दर्द कम होना शुरू हुआ।

पैरों के दर्द में आराम पाने के लिए कौन-कौन से प्रयास किये?

  1.  गोंद सियाह का सेवन किया जिससे आराम मिला
  2.  हकीम के शो सेहत और जिंदगी से जुड़े
  3.  अपने दोस्त पर भरोसा कर हकीम जी के नुस्खों को अपनाया

महेंद्र प्रताप जी को मिले आराम के बाद कई लोग भी अपना रहे हैं हकीम जी के नुस्खे

गोंद सियाह का इस्तेमाल करने के बाद अब वे बहुत खुश हैं कि उन्होंने समय रहते अपनी समस्या पर ध्यान दिया। वे बताते हैं कि उन्हें पहले से काफी आराम है और अब वे काफी बेहतर हो सकते हैं। जहाँ पहले पैरों के दर्द की वजह से उनका उठना-बैठना मुश्किल हो गया था वहीं आज महेंद्र जी अपना काम खुद कर लेते हैं। महेंद्र जी खुद को मिले आराम के बाद उन लोगों की भी मदद करते हैं जिन्हें जोड़ों का दर्द रहता है क्योंकि वह चाहते हैं जिस तरह से उन्हें आराम मिला है उसी तरह से और लोगों को भी आराम मिले। आज जो वो स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी जी रहे हैं उसका सारा श्रेय वह यूनानी के मशहूर हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं।

 

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

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