जानिए कैसे मनभर देवी ने दर्द, खांसी और त्वचा संबंधी समस्याओं से खुद को, बेटे को और बहु को दिलाई राहत।
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
मनभर देवी जयपुर के बेग विहार रानी एन्क्लेव में रहने वाली एक साधारण गृहिणी हैं, उनकी कहानी निस्संदेह प्रेरणादायक है। जीवन में कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के बाद, उन्होंने न केवल अपने स्वास्थ्य में सुधार किया, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को भी बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
जोड़ों के दर्द और त्वचा की समस्या से परेशान थी मनभर राजोरिया जी।
मनभर देवी जोड़ों के दर्द की गंभीर समस्या से परेशान थीं। अगर वो एक बार बैठ जाती थीं, तो उन्हें उठने में बेहद कठिनाई होती थी। धीरे-धीरे उनका ये दर्द और भी असहनीय होता चला गया। यह दर्द इतना परेशान करने वाला था कि उनका दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित होने लगा। इनकी अपनी लापरवाही के चलते इन्होंने इसी असहनीय दर्द में लगभग 1 साल गुजार दी।
गर्मियों के मौसम में पसीने की अधिकता से मनभर देवी को त्वचा से जुड़ी समस्याएं शुरू हो गईं। शरीर पर पसीने की वजह से त्वचा पर फंगस की समस्या उत्पन्न हो गई। यह फंगस संक्रमण उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर फैलने लगा, जिससे उन्हें खुजली, जलन और अन्य परेशानियां होने लगीं। त्वचा की इस समस्या की वजह से उनका जीवन काफी असुविधाजनक हो गया था।
जोड़ों एक दर्द और फंगस की समस्या में कैसे मिली राहत?
मनभर देवी कई सालों से हकीम सुलेमान साहब से जुड़ी हुई थीं और हकीम साहब को सुनती रहती थीं। जब उन्हें पैरों में दर्द की समस्या हुई तो उन्होंने तुरंत हकीम साहब की संस्था में call करके जोड़ों के दर्द में कारगर हर्ब्स गोंद सियाह मँगवाई और सेवन करना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उन्हें महसूस हुआ कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। अभी तक मनभर देवी ने लोगों को टीवी पर ही सुना था की हकीम साहब की दवाइयों से लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा हो रहा है। जब इन्हें खुद तकलीफ हूई और इन्होंने गोंद सियाह का सेवन किया तो इन्हें भी फायदा मिल गया जिसके बाद इन्हें हकीम साहब पर पूरा भरोसा हो गया। मनभर देवी ने फंगस की समस्या के लिए भी हकीम साहब की संस्था से कैप्सूल मंगवाए जिनके सेवन से उन्हें त्वचा की समस्या में राहत मिल गई जिसके बाद हकीम साहब पर उनका विश्वास और भी ज्यादा पक्का होता चला गया।
इस कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण बिन्दु:
- जोड़ों के दर्द के कारण मनभर देवी को उठने-बैठने में कठिनाई होती थी। त्वचा पर फंगस की समस्या ने उनकी जीवनशैली को असुविधाजनक बना दिया था।
- मनभर देवी के बेटे को कई महीनों तक खांसी की समस्या से राहत नहीं मिल रही थी।
- बहु के चेहरे पर दाने आने से उन्हें धूप में बहुत परेशानी हो रही थी।
बेटे की खांसी के लिए मंगाई मार्जून R.care
मनभर जी के एक बेटे, जो बैंक में काम करते थे, वो कई महीनों से खांसी से परेशान थे। मनभर देवी ने हकीम साहब के यहाँ से मार्जून R.care मँगवाकर सेवन करने को दी, मार्जून R.care का सेवन करने से कुछ ही दिनों में उनके बेटे को खांसी में राहत मिल गई।
हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद मनभर राजोरिया जी की जिंदगी कितनी बदल गई:
- बेटे को मार्जून R.care से खांसी में जल्द राहत मिली।
- बहु का चेहरा गोंद मोरिंगा से साफ और चमकदार हो गया।
- गोंद सियाह के सेवन से मनभर देवी को जोड़ों के दर्द में राहत मिल गई।
बहु के लिए मँगवाई गोंद मोरिंगा
मनभर देवी की बहू को चेहरे पर दाने आ गए थे जिसकी वजह से धूप पर निकलने पर बहुत ज्यादा irritation होती थी। उन्होंने अपनी बहू के लिए गोंद मोरिंगा मंगवाया। एक महीने के भीतर, उनकी बहू का चेहरा साफ और चमकदार हो गया। इस प्रकार, मनभर देवी ने हकीम साहब के नुस्खों को अपनाकर न केवल अपनी स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार किया, बल्कि अपने परिवार के सभी सदस्यों की सेहत का भी ध्यान रखा। अब इन्हें या फिर इनके परिवार में किसी को कोइ भी तकलीफ होती है तो हकीम साहब के नुस्खे ही मंगाती है और अगर कोई पड़ोस में भी स्वास्थ्य समाबंधी समस्या से ग्रसित दिखाई देता है तो उसे हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में जरूर बताती हैं।
आप मनभर राजोरिया जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।
गोंद मोरिंगा क्या है?
गोंद मोरिंगा एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पाचन, गैस्ट्रिक संबंधी समस्या, लीवर संबंधी समस्याएं, बवासीर, सोरायसिस, सभी प्रकार के त्वचा संक्रमण जैसी विभिन्न बीमारियों में लाभदायक है। यह हकीम जी द्वारा खुद की निगरानी में तैयार की गयी औषधि है। इस औषधि को यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो यह बहुत जल्दी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। हकीम जी द्वारा बताये गये निर्देशों को अपनाकर असली गोंद मोरिंगा का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।