फूलचंद जी को हाई ब्लड प्रेशर और पेट की समस्या में मिली जैतून के सिरके से राहत।
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
हाई ब्लड प्रेशर एक खतरनाक साइलन्ट किलर है। ये अंदर ही अंदर व्यक्ति को खोखला करता-रहता है। पूरी दुनिया में लाखों-करोड़ों लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान हैं। ये एक बहुत ही खराब बीमारी है। इसे कंट्रोल करना बहुत ज्यादा जरूरी है। आज हम आपको हमारे एक पैशन्ट फूलचंद जी की कहानी से अवगत कराने जा रहे हैं। जो जयपुर से 70 किलोमीटर दूर एक गाँव जोधाबली ध्यानी में रहते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की वजह से इन्हें बात-बात पर गुस्सा या जाता था और कभी-कभी तो बिना बात के ही परिवार के सदस्यों को डाट देते थे। जानेंगे अंग्रेजी दवाइयों से हमेशा दूर रहने वाले फूलचंद जी को कैसे हाई ब्लड प्रेशर और पेट की समस्या में राहत मिली।
फूलचंद जी और उनकी समस्या के बारे में
फूलचंद जी जयपुर से लगभग 70 से 75 किलोमीटर दूर जोधाबली ध्यानी के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 63 साल है। इनके 2 बच्चे गाँव में रहते हैं और 1 बच्चा जयपुर में रहता है। फूलचंद जी भी जयपुर में ही रहते हैं और जब कभी अपने गाँव आते रहते हैं। जयपुर में इनकी एक चाय की दुकान है। रोजाना सुबह 5 बजे उठकर रात को 10 बजे तक चाय की दुकान चलाकर अपना गुजारा करते हैं। दरअसल फूलचंद जी को बात-बात पर गुस्सा आने लगा था। कभी-भी किसी पर भी गुस्सा करने लगते थे। अगर कोई कुछ न भी बोले तब भी कोई न कोई छोटी-मोटी बात ढूंढकर उस पर गुस्सा निकाल देते थे। चिड़चिड़ापन आ गया था। कभी भी दिमाग आउट हो जाता था। परिवार वालों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वजह क्या है? ऊपर से फूलचंद जी को अंग्रेजी दवाइयों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था जिसकी वजह से अगर इनसे अस्पताल जाने के लिए बोला जाता था तो ये कभी नहीं जाते थे। उनका मानना है की अंग्रेजी दवाइयाँ तुरंत तो आराम देती हैं लेकिन बाद में फिर से पहले जैसी स्थिति हो जाती है। जबकि देशी दवाइयाँ मर्ज पर काम करती हैं।
उस दिन रात को डेढ़ बजे फूलचंद जी अच्छी खासी अवस्था में अपने बिस्तर से बाथरूम करने के लिए उठे थे। जैसे ही बाथरूम से निकलकर बाहर आ रहे थे तो इनका पैर फिसला और धड़ाम से नीचे गिर गए रात्रि का समय था सब लोग सो रहे थे। फूलचंद जी ने आवाज लगाई लेकिन किसी ने इनकी आवाज नहीं सुनी। जैसे-तैसे फूलचंद जी अपने बिस्तर पर पहुंचे और ले गए। जब सुबह हुई तो हमेशा सुबह सबसे पहले उठने वाले फूलचंद जी 7 बजे तक अपने बिस्तर पर ही लेटे हुए थे। जब इनका लड़का इन्हें जगाने आया तो उसने देखा की इनके हाथ और पैरों में चोट आई हुई थी। जब उसने पिताजी से इस बारे में पूछा तो पिताजी ने रात्रि की घटना के बारे में बताया। इस घटना को सुनने के बाद इन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने बताया की इनका ब्लड प्रेशर हाई हो गया था और कुछ दवाइयाँ खाने के लिए दी। डॉक्टर और घर वालों के जोर डालने पर फूलचंद जी ने डॉक्टर की दी हुई दवाएं खाना शुरू कर दी। अचानक आए इस चक्कर की वजह से फूलचंद जी के मन में एक डर बैठ गया था की कहीं ऐसा न हो की दुकान पर जाऊं और वहाँ पर चक्कर आ जाए तो क्या होगा।
इस वजह से फूलचंद जी ने दुकान लगाना बंद किया और अपने गाँव या गए। कई महीने तक डॉक्टर की दी हुई दवाइयाँ चलती रहीं। लेकिन उन्हें इस समस्या में कोई आराम मिलता दिखाई नहीं दे रहा था। बल्कि कभी अंग्रेजी दवाइयाँ न खाने वाले फूलचंद जी को अचानक अंग्रेजी दवाइयाँ खाने की वजह से पेट में जलन होने लगी, एसिडिटी होना शुरू हो गई।
रआखिर फूलचंद जी यूनानी के मशहूर हकीम साहब से कैसे जुड़े और इन्होंने कौन से नुस्खे अपनाएं?
एक दिन न्यूज देखते हुए फूलचंद जी ने हकीम सुलेमान साहब का प्रोग्राम सेहत और जिंदगी देखा। इस प्रोग्राम में हकीम साहब कई तरह के घरेलू उपाय और शरीर की कसरत के बारे में बता रहे थे। इस प्रोग्राम को देखकर फूलचंद जी ने हकीम साहब की बताई हुई गर्दन वाली exercise करना शुरू कर दी। इस एक्सर्साइज़ को करने से इन्हें पहले ही दिन कुछ हल्का फ़ील होने लगा। आराम मिलता दिखाई देख ये रोजाना इस एक्सर्साइज़ को करने लगे और हकीम साहब का शो देखने लगे। फूलचंद जी को कई महीनों से अपच की समस्या भी थी, तो हकीम साहब के शो देखकर इस समस्या के लिए जैतून नमक और सोडा लेना शुरू कर दिया जिसका रिजल्ट ये मिला की अब ये कुछ भी खाते सब कुछ अच्छे से पचने लगा। बासा खाना खाते थे तो वो भी पचने लगा था। एसिडिटी बनना बंद हो गई थी और भूख भी अच्छी लगने लगी। जिस वजह से अब इन्हें हकीम साहब पर विश्वास होना शुरू हो गया।
एक दिन इन्होंने एक ऐसे मरीज को सुना जिसे बिल्कुल इन्हीं की तरह ब्लड प्रेशर की समस्या थी। और हकीम साहब के बताए हुए जैतून के सिरके से इन्हें इस समस्या में राहत मिल गई थी। ये सब देखने के बाद फूलचंद जी ने टीवी से नंबर लेकर हकीम साहब की संस्था में कॉल करके अपनी समस्या बताकर जैतून का सिरका मँगवा लिया। इस सिरके के सेवन से 8 दिन में ही इन्हें आराम मिलना शुरू हो गया। इन्होंने पूरे 3 महीने तक जैतून सिरके का सेवन किया। जिससे इन्हें ब्लड प्रेशर हाई होने की समस्या में जल्द ही राहत मिल गई। ब्लड प्रेशर हाई होने की वजह से जो गुस्सा आता था अब वो गुस्सा भी बिल्कुल ठंडा पड़ गया है। 3 से 4 साल तक परेशान रहने के बाद हकीम सुलेमान साहब से जुडने के बाद अब इन्हें महज 3 महीने में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिल गया और पेट भी साफ होने लगा। अब फूलचंद जी फिर से पहले की तरह तंदुरुष्ट रहने लगे हैं और एक नॉर्मल लाइफ इन्जॉय कर पा रहे हैं।
कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण पॉइंट्स:
- फूलचंद जी को हाई ब्लड प्रेशर और पेट दर्द की समस्या थी।
- अंग्रेजी दवाइयों से पेट में जलन और एसिडिटी हो रही थी।
- फुलचंद जी को छोटी-छोटी बात पर आ जाता था गुस्सा।
हकीम जी के नुस्खे अपनाकर मिला घुटनों के दर्द में आराम, लोगों को भी यूनानी नुस्खे अपनाने की देते हैं सलाह।
अब फूलचंद रोजाना हकीम सुलेमान खान साहब का शो देखकर जड़ी बूटियों के बारे में जानते रहते हैं जब कोई भी इन्हें जोड़ों के दर्द, कमर का दर्द, पेट का दर्द, घुटनों का दर्द, सर्वाइकल की समस्या या फिर किसी भी प्रकार के दर्द से परेशान दिखता है तो उसे हकीम साहब के बारे में जरूर बताते हैं और कुछ लोगों को तो खुद से ही हकीम साहब की दवा मँगवाकर दे देते हैं। फुलचंद जी का मानना है कि इस तरह से लोगों की मदद करने से हकीम साहब के साथ-साथ उन्हें भी लोगों की दुआएं और आशीष मिलता है।
दोस्तों उम्र बढ़ने के साथ ब्लड प्रेशर हाई होने पर गुस्सा आने जैसी चीजें होना लाजमी हैं। लेकिन बात-बात पर आने वाला ये गुस्सा किसी के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है। क्योंकि जब तक ये गुस्सा घर के किसी व्यक्ति या फिर परिवार के किसी सज्जन व्यक्ति तक रहता है तब तो ठीक है। लेकिन अगर गाँव या फिर आपके सर्कल में किसी और व्यक्ति पर आपका गुस्सा निकलता है जिसे आपकी इस समस्या के बारे में पता नहीं है तो लड़ाई होना भी लाज़मी है। अगर आप इस तरह की इसी समस्या से जूझ रहे हाँ तो जल्द से जल्द हकीम सुलेमान साहब से जुड़ें और अपनी इस समस्या में राहत पाएं।
हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद फूलचंद जी की जिंदगी में बदलाव:
- तीन महीने में हाई ब्लड प्रेशर और गुस्से की समस्या में राहत मिली।
- पेट की समस्या में आराम मिला और खाना अच्छे से पचने लगा।
- अब फूलचंद जी तंदुरुस्त हैं और सामान्य जीवन का आनंद ले रहे हैं।
नॉर्मल और हाई ब्लड प्रेशर और दिखाई देने वाले लक्षण
उम्र आपकी कोई भी 120/80 mmhg ही एक नॉर्मल ब्लड प्रेशर होता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर 130 से ऊपर जाता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर होने पर सिर भारी होना या फिर सिर दर्द होना, अचानक से बहुत ज्यादा पसीना आना है, गुस्सा आना, नाक से खून आना, चक्कर आना इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं। जब भी ब्लड प्रेशर को चेक करें तो पहले 5 मिनट तक रेस्ट करें। क्योंकि अगर आप दौड़कर आने के बाद या फिर खाना खाने के बाद ब्लड प्रेशर चेक करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा ही दिखाई देगा।
आप फूलचंद जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
जैतून का सिरका क्या है?
हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।