राम गोपाल मीणा जी से जानिए उन्होंने कमर के असहनीय दर्द से कैसे पीछा छुड़ाया?
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
आज की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिनकी हिम्मत और संघर्ष ने उन्हें जीवन के सबसे कठिन दौर से निकालकर एक नई दिशा दी। जयपुर से लगभग 45 किलोमीटर दूर चोमू कस्बे के पास स्थित बाँसा कुसलपुरा गाँव में रहने वाले राम गोपाल जी आज की लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। इनके जीवन में हुए एक हादसे ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। दोस्तों कब किसके जीवन में कौन सी समस्या आ जाए कुछ पता नहीं है। कुछ ऐसा ही हुआ है राम गोपाल मीणा जी के साथ चलिए आज हम आपको राम गोपाल जी की दर्दनाक लेकिन प्रेरणादायक यात्रा के बारे में बताएंगे, और कैसे उन्होंने अपने जीवन के सबसे कठिन दौर को पार किया
कैसे हुआ कमर में दर्द और किन-किन समस्याओं का करना पड़ा सामना?
राम गोपाल मीणा जी की दर्द की कहानी एक बस यात्रा से शुरू होती है। एक रात्री बस यात्रा के दौरान अचानक ब्रेक लगने से बस ने उछाल मारी और वे अपनी सीट से गिर पड़े। इस घटना ने उनकी कमर में एक जोरदार झटका दिया, जिसके बाद उनका दर्द शुरू हो गया। इतना ही नहीं, साथ में बैठे एक अन्य व्यक्ति का सिर भी बस के ऊपर जाकर लगा, जिससे खून बहने लगा। दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन दर्द में कोई खास राहत नहीं मिली। नेपाल से वापस लौटने के बाद उनका दर्द और भी बढ़ने लगा।
धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि उठने-बैठने, लेटने और खड़े होने में असहनीय तकलीफ का सामना करना पड़ता था। इस दर्द की वजह से ये खेती-बाड़ी का काम भी नहीं कर पाते थे जिस वजह से ट्रैक्टर चलाने के लिए इन्हें एक ड्राइवर रखना पड़ा। क्योंकि जब राम गोपाल जी ट्रैक्टर चलाते या खेती-बाड़ी का काम करते थे दर्द और बढ़ जाता था। इस असहनीय दर्द की वजह से इतने चिंतित और तकलीफ में रहने लगे थे की उनका 10 किलो से ज्यादा वजन घट गया था।
कमर दर्द से राहत के लिए कहाँ-कहाँ भटकते रहे?
राम गोपाल जी ने इस दर्द में राहत पाने के लिए हर संभव प्रयास किए। नेपाल और चोमू जैसे स्थानों पर इलाज करवाया, कई प्रकार की दवाइयाँ लीं, तेल से मालिश भी करवायी, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। दवाइयाँ, तेल, मसाज, हर एक तरीका उन्होंने अपनाया, जीवन से निराश होकर उन्होंने और भी स्थानों से दवाइयाँ मंगवाईं, लेकिन दर्द में कोई राहत नहीं मिली।
कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण पॉइंटस:
- कमर में असहनीय दर्द: बस यात्रा के दौरान गिरने के बाद राम गोपाल जी की कमर में दर्द शुरू हुआ।
- कई उपचारों का असफल प्रयास: विभिन्न दवाइयों, मसाज और इलाजों के बावजूद दर्द में कोई सुधार नहीं हुआ।
- गोंद सियाह से मिली राहत: गोंद सियाह के सेवन से राम गोपाल जी को 50% दर्द में राहत मिली।
हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ाव गोंद सियाह का असर
जिंदगी से निराश होने के बाद, राम गोपाल जी ने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा, जिसमें हकीम सुलेमान खान साहब ने गोंद सियाह के बारे में बताया। इन्होंने कई मरीजों को सुना जिन्हें सालों पुराने दर्द में राहत मिल चुकी थी। यह देखकर राम गोपाल जी को यकीन हुआ कि शायद यह उपचार उनके लिए कारगर हो सकता है। शुरुआत में, उन्होंने इसे 15 दिन तक उपयोग किया, और जैसा कि उन्होंने सोचा था, धीरे-धीरे दर्द में कमी महसूस होने लगी। गोंद सियाह का प्राकृतिक उपचार उनके लिए बेहद लाभकारी साबित हुआ। अभी तक उन्हें गोंद सियाह का सेवन करते हुए डेढ़ महीना ही हुआ है। उन्हें कमर के दर्द में 50% राहत मिल गई है और शारीरिक स्थिति में भी जबरदस्त सुधार हुआ है। अब वे बिना किसी परेशानी के ट्रैक्टर चला सकते हैं, खेतों में काम कर सकते हैं और अपने पशुओं की सेवा कर सकते हैं। पहले जहाँ उन्हें काम करने के लिए ड्राइवर की मदद लेनी पड़ती थी, अब वे सभी कामों को खुद से करने लग गए हैं। उठने-बैठने, खड़े होने और सोने में उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती। उनका जीवन पहले से कहीं बेहतर हो गया है। अब वे अपनी दिनचर्या को बिना किसी परेशानी के फिर से सामान्य रूप से जी रहे हैं।
हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद राम गोपाल जी की जिंदगी में बदलाव:
- किसी प्रकार की तकलीफ नहीं: पहले की तरह उठने, बैठने, और सोने में अब कोई तकलीफ नहीं होती।
- खेतों में काम करने की क्षमता वापस मिली: पहले ड्राइवर की मदद से काम करते थे, अब खुद से सभी काम कर पाते हैं।
- शारीरिक स्थिति में सुधार: गोंद सियाह के सेवन से उनकी शारीरिक स्थिति में जबरदस्त सुधार हुआ है।
सभी तरह के उपायों से थक-हार चुके हैं तो एक बार गोंद सियाह जरूर ट्राइ करें।
अगर आप भी या आपके आस-पास कोई किसी भी तरह के दर्द से जूझ रहा है, या फिर कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे लंबे समय से दर्द है, और हर तरह के डॉक्टरों को दिखाने के बावजूद इसी दर्द में अपना जीवन काटने के लिए मजबूर है तो ऐसे लोगों को राम गोपाल जी की ये कहानी सिखाती है की हमें कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अगर आपको लगता है आपको दर्द में राहत मिलने का 0.01% भी चांस नहीं है तो हम आपको यही सलाह देंगे की एक बार आप गोंद सियाह को अपनाकर जरूर देखें। क्योंकि रामगोपाल जी भी कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद इस दर्द में राहत पाने की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन गोंद सियाह के सेवन के बाद आज फिर से अपनी जिंदगी को पहले की तरह एन्जॉय कर पा रहे हैं। आप भी अपने दर्द के लिए कदम बढ़ाइए और गोंद सियाह अपनाइए।
आप रामगोपाल मीणा जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।