हकीम साहब के देसी नुस्खों से रामस्वरूप जी को पेट फूलने और उनकी पत्नी को घुटनों के दर्द में मिला फायदा, सालों से थे परेशान।

1 Days ago | 5 mins

जयपुर के पाँचा बाइपास के पास नेमिनगर बिस्तार में रहने वाले रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी केसर देवी दोनों ही जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे थे, 70 साल के रामस्वरूप जी को लंबे समय से पेट की समस्याएँ थीं। गैस बनना, सिर में भारीपन, पेट का फूलना, और भूख की कमी जैसे लक्षण उनकी रोज़ की जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे। खाने का सही से हजम न होना और लगातार दवाइयों का सेवन करने के बावजूद कोई राहत न मिलना, उनके लिए चिंता का कारण बन गया था।

रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी की समस्याएं।

70 साल के रामस्वरूप जी को लंबे समय से पेट की समस्याएँ थीं। गैस बनना, सिर में भारीपन, पेट का फूलना, और भूख की कमी जैसे लक्षण उनकी रोज़ की जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे। खाने का सही से हजम न होना और लगातार दवाइयों का सेवन करने के बावजूद कोई राहत न मिलना, उनके लिए चिंता का कारण बन गया था। लंबे समय तक कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी, उन्हें कोई ठोस परिणाम नहीं मिल रहे थे जिससे इसी समस्या में अपना पूरा जीवन काटने के लिए मजबूर हो गए थे।

रामस्वरूप जी की पत्नी केसर देवी की उम्र 68 साल है, इनके जीवन में दर्द और तकलीफों का सिलसिला 20 सालों से चला आ रहा था। एक समय ऐसा था जब उन्हें चिकनगुनिया के कारण घुटनों में दर्द होने लगा। यह दर्द इतना तेज था कि रातों की नींद उड़ गई थी, इस दर्द की वजह से कभी-कभी तो चलते-चलते ही गिर जाती थी। उन्होंने जयपुर के कई हड्डी विशेषज्ञों को दिखाया, लेकिन कोई खास राहत नहीं मिली। डॉक्टरों का कहना यही था की घुटनों में गैप है, जिसकी वजह से ऑपरेशन करके घुटने बदलने पड़ेंगे। ऑपरेशन और घुटने बदलने की बात सुनकर केसर देवी की चिंताएं बहुत बढ़ गई थीं।

रामस्वरूप जी को किस नुस्खे से मिली राहत

एक दिन रामस्वरूप जी ने हकीम सुलेमान साहब का YouTube पर कार्यक्रम देखा, इस कार्यक्रम में बताए गए एक नुस्खे ने उनका ध्यान खींच लिया। इन्हीं की तरह समस्याओं से जूझ रहे एक पैशन्ट को हकीम साहब ने जिस नुस्खे के सेवन का सुझाव दिया था उससे उस patient को फायदा मिल गया था। यह सुझाव था जैतून का सिरका। रामस्वरूप जी ने भी हकीम साहब की संस्था से जैतून का सिरका मंगाया और सेवन करना शुरू किया तो महज एक-डेढ़ महीने में 50 से 60% तक राहत महसूस की। जैतून के सिरके के सेवन से उन्हें पूरा यकीन हो गया है कि अगर वे इसी तरह लगातार इसका सेवन करते रहे, तो वे पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।

रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी की समस्याएं

  • रामस्वरूप जी को पेट फूलने, गैस और भूख की कमी जैसी समस्याएँ थीं।
  • दवाइयों का सेवन करने के बावजूद पेट की समस्याओं में कोई राहत नहीं मिल रही थी।
  • केसर देवी को चिकनगुनिया के कारण घुटनों में दर्द और चलने में कठिनाई थी।

केसर देवी को किस नुस्खे से मिली राहत

जब रामस्वरूप जी को जैतून के सिरके से फायदा मिला तो इन्होंने अपनी बीवी के लिए भी हकीम साहब की संस्था से गोंद सियाह मंगाकर अपनी बीवी को दिया। अभी इन्हें गोंद सियाह का सेवन करते हुए 1 महिना ही हुआ है और केसर देवी को 50 से 60 प्रतिशत राहत मिल गई है। दर्द में कमी आने की वजह से, अब उन्हें लगने लगा है कि ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी का यह विश्वास आज भी मजबूत है, और वे निरंतर इन नुस्खों का सेवन कर रहे हैं। दोनों का कहना है कि इन आयुर्वेदिक उपचारों ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है, पेट की समस्याओं और दर्द के कम होने से अब उनका आत्मविश्वास पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद रामस्वरूप जी की जिंदगी में बदलाव:

  1. जैतून के सिरके से रामस्वरूप जी को पेट की समस्या में 50-60% राहत मिली।
  2. गोंद सियाह ने केसर देवी के घुटनों के दर्द में 50-60% सुधार किया।
  3. हकीम साहब के नुस्खों से रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी की जीवनशैली में सुधार आया।

हकीम साहब के नुस्खों से आप भी पा सकते हैं राहत

रामस्वरूप जी और उनकी पत्नी केसर देवी की कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी अंग्रेजी दवाइयों से राहत नहीं मिल पाती, लेकिन हकीम सुलेमान खान साहब का सही मार्गदर्शन और प्राकृतिक नुस्खे जीवन में नई उम्मीद जगा सकते हैं। हकीम सुलेमान साहब के जैतून के सिरके और गोंद सियाह जैसे आयुर्वेदिक उपचारों ने न केवल रामस्वरूप जी के पेट फूलने की समस्या में राहत पहुंचाई बल्कि उनकी पत्नी की घुटनों के दर्द में भी फायदा मिला। शारीरिक दर्द कम होने से, उनके आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। अगर आप भी किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो हकीम साहब के नुस्खों को अपनाकर अपनी जीवनशैली में बदलाव ला सकते हैं और एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

आप रामस्वरूप जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

जैतून का सिरका क्या है?

हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

011 6120 5442
Back to blog