गोंद सियाह (काला गोंद) रामेश्वर जी को सर्वाइकल पेन में कर गया सूट : जानिए गोंद सियाह का कमाल।

2 months ago | 5 mins

सर्वाइकल के दर्द को हल्के में न लें। गर्दन का अकड़ना, गर्दन को हिलाने-डुलाने में दर्द होना आपको एक आम समस्या लग सकती है। लेकिन इस दर्द को नजर अंदाज करना अपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि लंबे समय तक गर्दन में होने वाला यह दर्द सर्वाइकल की समस्या बन सकता है। दोस्तों सर्वाइकल एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति को गर्दन से दर्द शुरू होता है और फिर धीरे-धीरे ये दर्द बढ़कर शरीर के दूसरे अंगों में पहुँच जाता है। हाथ-पैर और पंजों में झुनझुनी और सुन्नपन महसूस होने लगता है। कभी-कभी ये दर्द गर्दन, कंधे और कमर से होते हुए पैरों तक पहुँच जाता है। जिसकी वजह से चलने फिरने में दिक्कत होने लगती है और शरीर में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आजकल सर्वाइकल की समस्या लोगों में कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रही है। जिसकी वजह है लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना, गलत तरीके से सोना, अत्यधिक दबाव की वजह से मांसपेशियों का कमजोर होना है। इसके अलावा बढ़ती उम्र, आनुवंशिकता, गलत खान-पान की आदत और अस्त-व्यस्त जीवन शैली की वजह से भी सर्वाइकल की समस्या आपको परेशान कर सकती है।

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको जयपुर से 30 से 35 किलोमीटर दूर एक गाँव अचरोल में रेगड़ियों के मोहल्ले में रहने वाले रामेश्वर जी की कहानी से अवगत कराने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी सर्वाइकल की समस्या को हमारे साथ शेयर किया और बताया की सर्वाइकल की वजह से वो कितने परेशान हो गए थे, कहाँ-कहाँ नहीं दिखाया लेकिन फिर भी इस समस्या में उन्हें किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा था। रामेश्वर जी ने हमें ये भी बताया की पूरे 8 साल तक परेशान होने के बाद जब उन्हें सही औषधि मिली तो केवल ढाई महीने में ही ठीक हो गए। रामेश्वर जी की इस कहानी के जरिए हम आप तक सर्वाइकल की समस्या में राहत पाने का एक सस्ता, सटीक और कारगर नुस्खा शेयर करने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले जानते हैं -

कौन हैं रामेश्वर जी, उन्हें क्या समस्या थी?

रामेश्वर जी की उम्र 68 साल हो गई है। रामेश्वर जी बड़े ही सज्जन व्यक्ति हैं और पेशे से सरकारी ठेकेदार हैं। लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं। गाँव में इनकी एक अच्छी-खासी छवि बनी हुई है। इनके घर में इनकी पत्नी, दो बेटे, दो बहुएं, दो पोते और दो पोतियाँ हैं। एक बेटा टीचर है और दूसरे ने रामेश्वर जी की जिम्मेदारियाँ संभाल ली हैं यानि की ठेकेदार है। सब तरह से सक्षम होते हुए भी रामेश्वर जी पूरे 8 साल तक सर्वाइकल की समस्या से परेशान रहे

रामेश्वर जी का पूरा वदन सूजकर सुन्न हो गया था। हाथ, पाँव, चेहरा, सिर सब जगह पर सूजन और सुन्नपन आ गया था। अनेकों डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी रामेश्वर जी ये सोचने के लिए मजबूर हो गए थे की अब जिंदगी खत्म होने वाली है। 3 साल तक बराबर पैरों में सूजन रही, कमर और पैरों में बहुत ज्यादा दर्द रहा। जिसकी वजह से उठ-बैठ नहीं पाते थे, चलना-फिरना बंद हो गया था। रामेश्वर जी ने अनेकों डॉक्टरों को दिखाया। ऐसा नहीं है की दिखाया और भाग आए बल्कि सभी डॉक्टरों के द्वारा दी गई दवाइयों को 1 साल से ज्यादा खाकर देखा। अलग-अलग डॉक्टरों ने इन्हें अलग-अलग समस्या बताई। किसी ने कहा कमर में दो जगह पर ब्लॉक है। जिसकी वजह से दर्द हो रहा है और सूजन बढ़ रही है। तो किसी ने बताया की सर्वाइकल की समस्या है। इस तरह कई डॉक्टरों को दिखाते-दिखाते 2017 से 2024 तक पूरे 7 साल इसी दर्द में गुजर गए। एक समय इनके जीवन में ऐसा आ गया था की कमर के दर्द ने इनके सपनों को भी दबोच लिया। दर्द इतना बढ़ गया था की दर्द की वजह से 6 दिन तक लगातार खटिया पर पड़े रहे, खुद से पानी लेकर पीना भी मुश्किल हो गया। इनकी हालत ऐसी हो गई थी की कोई एक व्यक्ति इन्हें बेड से उठाकर बाथरूम तक लेकर जाता था। जब कोई घर पर नहीं होता तो पैरों को रगड़कर और दीवार को पकड़-पकड़कर बाथरूम तक जाते थे।

डॉक्टर की सलाह पर पसीना लेने और गरम हवा लेने के लिए पूरे 80000 रुपये का बेड मँगवाया। यानि की हर तरह से सक्षम होने के बावजूद इन्हें इनकी इस समस्या से राहत नहीं मिल पा रही थी। इस बीच इनका पूरा परिवार बहुत ज्यादा परेशान हो गया था। इनके बेटे का कहना था की हम हर तरह से सक्षम होने के बावजूद पिताजी की इस बीमारी में कुछ नहीं कर पा रहे थे क्योंकि किसी दवा का कोई असर ही नहीं हो रहा था। रामेश्वर जी की बीवी ने इनकी इस तकलीफ के दिनों में खूब सेवा की।

रामेश्वर जी का हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ाव और विश्वास

सन 2017 में रामेश्वर जी गिर गए थे जिसकी वजह से पैर में चोट आई थी। जयपुर के एक अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टर ने इन्हें दवाइयाँ खाने को दी। दवाइयों के सेवन से इनके पैर का दर्द तो सही हो गया लेकिन इस बीच दर्द की वजह से हमेशा बैठे रहने, चल-फिर न पाने, गलत पाश्चर में सोने और गलत तरीके से उठने-बैठने की वजह से इनके शरीर के जोड़ों में जगह-जगह पर दर्द होना शुरू हो गया। धीरे-धीरे ये दर्द बढ़कर पूरे शरीर में फेल गया था। जिसकी वजह से कुछ ही महीनों के बाद इनका जीवन पूरा बदल गया था। रामेश्वर जी को सर्वाइकल की इस समस्या में आराम मिलने की उम्मीद उस समय दिखाई देने लगी जब इन्होंने साधना टीवी पर हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम ‘सेहत और जिंदगी देखा। जिसमें बहुत सारे लोग हकीम साहब से जुड़कर अपनी-अपनी समस्याओं पर हकीम साहब को फीडबैक दे रहे थे की किस तरह सालों तक परेशान रहने के बाद हकीम साहब के नुस्खों से उन्हें दर्द में राहत मिली।

रामेश्वर जी जब टीवी पर हकीम सुलेमान साहब का प्रोग्राम देख रहे थे। तो उन्हें एक patient ऐसा दिखा जो बिल्कुल रामेश्वर जी की तरह ही कई सालों से परेशान था। उसको बिल्कुल रामेश्वर जी जैसी ही समस्या थी। कई सालों तक भटकने के बाद हकीम जी के नुस्खों से राहत मिल गई थी। ये सब देखकर रामेश्वर जी को हकीम सुलेमान साहब पर विश्वास हो गया और उन्होंने तुरंत स्क्रीन पर चल रहे नम्बर पर फोन लगाकर हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम से कॉन्टैक्ट करके अपनी समस्या बताई।

कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण पॉइंट्स:

  1.  रामेश्वर जी को 8 साल तक सर्वाइकल दर्द ने परेशान किया, लेकिन राहत नहीं मिली।
  2.  हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों से रामेश्वर जी को 70-80% आराम मिला।
  3.  ढाई महीने में रामेश्वर जी 68 साल की उम्र में दौड़ने और बाइक चलाने लगे।

रामेश्वर जी को किस नुस्खे से मिला फायदा?

हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने रामेश्वर जी की समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद गोंद सियाह और S. Care capsule भेजा और सुबह-शाम आधा ग्राम खाने की सलाह दी। रामेश्वर जी ने डॉक्टरों के द्वारा दिए गए निर्देशों का बखूबी पालन करते हुए इन यूनानी नुस्खों का सेवन करना शुरू कर दिया। हकीम साहब के नुस्खों के सेवन से कुछ ही दिनों में इन्हें आराम मिलना शुरू हो गया। रामेश्वर जी ने इन नुस्खों का सेवन करना जारी रखा। इन नुस्खों का सेवन करते हुए रामेश्वर जी को ढाई महीने ही हुए हैं और इन्हें 70 से 80 प्रतिशत आराम मिल गया है। अब रामेश्वर जी 68 की उम्र में भी बड़े ही आसानी से 40 साल के व्यक्ति की तरह दौड़ लगा देते हैं। जब हम इनके घर पर इनका इंटरव्यू करने पहुंचे तो रामेश्वर जी ने हमें दौड़ लगाकर दिखाई और बाइक चलाकर दिखाई।

इन दवाओं के सेवन से अब रामेश्वर जी अपने जीवन में बहुत खुश हैं। और हकीम सुलेमान खान साहब का दिल से धन्यवाद करते हैं उनका कहना है की ऐसा लगने लगा था की जैसे मेरी जिंदगी खत्म होने वाली हो लेकिन अब हकीम साहब की दवाइयों के सेवन से मुझे एक नई जिंदगी मिल गई है, ढाई महीने में ही मुझे दर्द में 70 से 80 प्रतिशत इजाफा हो गया है। अब मैं सारे काम ऐसे करने लगा हूँ जैसे 40 साल का व्यक्ति करता है।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद रामेश्वर जी की जिंदगी में बदलाव:

  1.  ढाई महीने में 70-80% राहत मिली, दर्द कम हुआ।
  2.  रामेश्वर जी अब 40 साल की तरह दौड़ने और बाइक चलाने लगे।
  3.  हकीम साहब की दवाइयों ने उनकी जिंदगी को नया मोड़ दिया।

रामेश्वर जी हकीम सुलेमान साहब के बारे में क्या कहते हैं?

रामेश्वर जी हकीम सुलेमान साहब का दिल से धन्यवाद करते करते हुए कहते हैं हकीम साहब की वजह से अब मुझे नई जिंदगी मिल गई है नहीं तो ऐसा लगने लगा था जैसे जिंदगी खत्म होने वाली हो। अब रामेश्वर जी को पड़ोस, गाँव या फिर रिश्तेदारों में कोई भी दर्द से परेशान दिखाई देता है तो उसे हकीम सुलेमान साहब के बारे में जरूर बताते हैं।

दोस्तों ये थी जयपुर से 30 से 35 किलोमीटर दूर एक गाँव अचरोल में रेगड़ियों के मोहल्ले में रहने वाले रामेश्वर जी की कहानी। इनके दौड़ने और बाइक चलाने की वीडियो आप नीचे दी हुई लिंक पर क्लिक करके देखे सकते हैं। अगर आप भी किसी तरह के दर्द से परेशान हैं तो वीडियो में दिए गए नंबर पर कॉन्टैक्ट करके अपनी समस्या हमें बताएं और अपने दर्द की इस परेशानी में राहत पाएं। अगर आप हकीम सुलेमान खान साहब की दवाइयों का इस्तेमाल करके स्वस्थ हो चुके हैं तो आप हमें बता सकते हैं। हम आएंगे आपके घर आपका इंटरव्यू लेने।

आप रामेश्वर जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

S. Care कैप्सूल क्या है?

S. Care दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को पूर्ण संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं, अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का उपचार करता है और दर्द से राहत देता है।

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