दुनिया की सबसे कारगर हर्ब ने दिखाया असर, घुटनों और कमर के दर्द में किया कमाल। जानिए जयपुर की सरोज शर्मा की दर्द भरी कहानी।

1 Days ago | 5 mins

क्या आप जोड़ों में दर्द महसूस कर रहे हैं? अगर आपका जवाब हाँ है तो ये एक चिंता का विषय है। क्योंकि आपकी उम्र कुछ भी हो, अगर जोड़ों के दर्द ने आपको सताना शुरू कर दिया है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि आपकी एक लापरवाही आपको किस संकट में डाल सकती है ये जानकार आप हैरान हो जाएंगे। धीरे-धीरे आपका उठना-बैठना, चलना-फिरना घर के काम करना सब कुछ बंद हो सकता है और आप हमेशा के लिए विस्तर पर लेटे रहने के लिए मजबूर हो सकते हैं। ये बात हम नहीं कह रहे हैं, ये बात वो लोग खुद हमें बताते हैं जो इस तरह की तकलीफ को सालों से झेलते आ रहे हैं। हमारे पेशेंट सरोज शर्मा जी की सच्ची कहानी के माध्यम से आज हम आपको बताएंगे की कैसे घुटने और कमर का दर्द इनके जीवन की सबसे बड़ी तकलीफ बन गया। समय पर इस समस्या पर ध्यान ना देने की वजह से इनकी ये तकलीफ इतनी बड़ी हो गई थी की कई डॉक्टरों को दिखाने के बावजूद इन्हें कहीं कोई राहत नहीं मिल पा रही थी।

सरोज शर्मा जी और उनकी दर्द भरी कहानी।

सरोज शर्मा जी जयपुर में मालवीय नगर के नंदपुरी में सेक्टर 11 के सामने अशोक विहार की रहने वाली हैं। धैर्य, समझदारी और प्यार से जीवन को संवारने वाली 70 साल की सरोज शर्मा जी एक टीचर रही हैं। इन्होंने अपनी एक दोस्त के प्राइवेट स्कूल बच्चों को पढ़ाया है। इनकी 4 बेटियाँ हैं। सभी की शादी हो चुकी है।

लगभग 20 साल पहले सरोज शर्मा जी के साथ एक घटना हुई। इस घटना के बाद से इनके पैर में दर्द उठना शुरू हुआ। दरअसल सरोज जी अपने पति के साथ एक यात्रा पर गई हुई थी। इस यात्रा में बहुत ज्यादा भीड़ होने की वजह से धक्का-मुक्की हुई। इस धक्का-मुक्की में सरोज जी फिसलकर गिर पड़ी। अंधरूनी चोट आने की वजह से इनके एक पैर में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा। यात्रा से वापिस लौटते समय इनके साथ एक और छोटी सी घटना हुई। जब सरोज जी लौटकर वापिस आ रही थी तो स्टेशन पर उतरते समय स्टेशन पर इनका पैर फिर से फिसल गया। जिसके बाद इनके दोनों पैरों में दर्द होने लगा। दोनों पैर जख्मी होने के बाद ये अपने घर पहुंची और दर्द की दवा लेकर सो गईं। जब सुबह सोकर उठीं तो इनके दोनों पैरों में बहुत ज्यादा तकलीफ होने लग गई थी। कुछ दिनों तक दर्द की दवा खाती रही लेकिन कुछ हफ्तों बाद जब दर्द की दवा खाना बंद की तो इन्हें पता चला की दर्द अभी भी जस का तस बना हुआ है।

कुछ महीनों में इनका ये दर्द बढ़कर धीरे-धीरे पैरों से कमर और कूल्हे तक आ पहुंचा। इनकी हालत ऐसी हो गई की बेड पर बैठ पाना तक मुश्किल हो गया। खुद से चलकर बाथरूम तक भी नहीं जा पाती थी। इस तकलीफ में इनके पति ने इनका पूरा साथ दिया। बेड पर से उठाना-बैठाना, बाथरूम तक लेकर जाना, घर के काम-काज करना ये सारे काम इनके पति ने किए। पैर में इतना दर्द था की चला नहीं जाता था, पैरों को सीधा करते ही इनकी कमर में खिंचाव होता था। जिसकी वजह से भयंकर दर्द होता था। घर के सारे काम जैसे की झाड़ू लगाना, कपड़ा धोना, खाना बनाना इनके पति को करने पड़ते थे। जिंदगी ऐसी हो गई थी की जीना भी मुश्किल हो गया था। रात-रात भर दर्द से कराहती रहती थी।

जब डॉक्टर घुटनों के ऑपरेशन की सलाह

जब डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने इन्हें बताया की आपकी कमर में नसों का गुच्छा बन गया है। जिसकी वजह से कमर में दर्द हो रहा है। घुटनों के दर्द को लेकर तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए बोल दिया था लेकिन सरोज शर्मा जी ऑपरेशन करवाना नहीं चाहती थी इसलिए वह दवाइयों के सहारे जिंदगी जीती रहीं और दर्द को सहती रहीं।

कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण पॉइंटस:

अगर आप चाहते हैं की उम्र बढ़ने पर जोड़ों का दर्द आपके शरीर में दस्तक न दे तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की जरूरत है -

  • पैरों और कमर के दर्द ने सरोज जी की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को मुश्किल बना दिया था।
  • डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी, लेकिन सरोज जी ने दवाओं से ही राहत की उम्मीद रखी।
  • हकीम साहब की दवाओं से 6 महीने में दर्द में राहत मिली जिससे घर के सारे काम करना हुआ आसान।

सरोज शर्मा की दर्द भरी कहानी में कैसे आया बदलाव।

पूरे 7 से 8 महीने तक इस गंभीर दर्द से परेशान रहने के बाद एक दिन अचानक मोबाईल पर स्क्रॉल करते समय हकीम साहब की एक वीडियो मिली। इस वीडियो को देखने के बाद इन्हें हकीम सुलेमान साहब के बारे में पता चला। इन्होंने हकीम साहब की कई वीडियो देखे तो इन्हें पता चला की अनेक ऐसे लोग हैं जिन्हें हकीम साहब की यूनानी जड़ी बूटियों से सालों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत मिल चुकी थी। सरोज जी ने एक वीडियो से नंबर लिया और हकीम सुलेमान साहब की संस्था में फोन लगाकर अपनी समस्या बताई।

हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों ने इनकी समस्या को अच्छी तरह से सुनने और समझने के बाद इन्हें D.Care, R.Care, गोंद सियाह, हल्दी प्लस आयुर्वेदिक दवाइयाँ खाने के लिए दी। कुछ हफ्तों तक इन यूनानी दवाओं के सेवन से इन्हें महसूस होने लगा की ये दवा असर कर रही है। अभी इन्हें इन दवाओं का सेवन करते हुए 6 महीने हो गए हैं। इनको आधे से ज्यादा आराम मिल गया। बर्तन धोना, पोंछा लगाना, झाड़ू लगाना, कपड़े धोना सारे काम फिर से करने लग गई हैं। अब इन्हें किसी तरह का कोई खिंचाव नहीं होता है। इन्हें मिली इस राहत की वजह से सरोज जी और इनके पति बहुत खुश हैं। अब सरोज शर्मा जी अपने husband के साथ हकीम साहब का प्रोग्राम रोजाना टीवी पर देखती हैं। अपने ठीक होने का पूरा क्रेडिट अपने पति और हकीम सुलेमान साहब को देती हैं।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद सरोज शर्मा जी की जिंदगी में बदलाव:

  1. हकीम साहब की जड़ी-बूटियों ने वो कर दिखाया जो अंग्रेजी दवाइयाँ नहीं कर पाई, सरोज जी की जिंदगी अब दर्द रहित है।
  2. अब सरोज जी बिन दर्द के घर के वो सारे काम बखूबी कर रही हैं, जो पहले नहीं कर पाती थी।
  3. सरोज जी ने अपनी नई जिंदगी और खुशहाली का श्रेय हकीम सुलेमान साहब को दिया उन्होंने कहा "हकीम साहब मेरे लिए भगवान हैं।"

दर्द में राहत पाने के बाद हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में क्या कहती हैं सरोज शर्मा जी।

अब सरोज शर्मा जी कहती है की “अब मेरा समय अच्छा है। हकीम साहब की यूनानी दवाओं की वजह से अब मैं सारे काम कर पा रही हूँ। मुझे अपने ठीक होने की उम्मीद नजर आने लगी है। सरोज जी हकीम साहब के बारे में आगे कहती हैं की हकीम साहब मेरी जिंदगी में देवता बनकर आए हैं।” साथियों ये तो थी सरोज शर्मा जी की कहानी अगर आपके जीवन में या आपके आस-पास कोई भी इस तरह की समस्या से परेशान है तो उस तक ये जानकारी जरूर पहुंचाएं। अगर आप पहले से हकीम सुलेमान साहब से जुड़े हुए हैं और आपको भी मिली है जोड़ों के दर्द में राहत तो नीचे दिए हुए नंबर पर कॉल करके हमें बताएं हम आएंगे आपके पास आपका इंटरव्यू लेने।

आप सरोज शर्मा जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

R. Care दवा क्या है?

अगर आपको जोड़ों में दर्द और सूजन की लगातार समस्या रहती है तो “Atiya Herbs” से “R. Care” मंगाकर खाएं इस दवा की मदद से जोड़ों का गंभीर दर्द, जोड़ों में अत्यधिक सूजन और त्वचा पर जलन गायब हो सकती है। यह औषधि पूर्ण रूप से भारतीय जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाई गयी है। इस औषधि के इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

हल्दी प्लस कैप्सूल क्या है?

हल्दी प्लस कैप्सूल शरीर में प्रतिरक्षा और रक्त को शुद्ध करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक शक्तिशाली मिश्रण है। हल्दी के गुणों से भरपूर, यह हर्बल सप्लीमेंट पारंपरिक लाभों से कहीं आगे है। यह रक्त को साफ़ करता है, कोलेस्ट्रॉल के इष्टतम स्तर को बढ़ाता है, वात और पित्त असंतुलन के संतुलन को बहाल करता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, इस फॉर्मूलेशन में उच्च प्रभावकारिता के लिए सलाई और काली मिर्च भी शामिल हैं। ऐसी दुनिया में जहां शुद्ध हल्दी का दैनिक समावेश कम हो रहा है, हकीम सुलेमान खान इन हर्बल कैप्सूल को हल्दी के व्यापक लाभों को प्राप्त करने के एक सुविधाजनक तरीके के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

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