जान लीजिए 6 साल पुराने कमर दर्द को महज डेढ़ महीने में मात देने वाले प्राकृतिक नुस्खे के बारे में।

1 Days ago | 5 mins

60 साल की उम्र के बाद कमर दर्द, घुटनों के दर्द जैसी समस्या आम बात हो जाती है लेकिन आज के समय में जवान लोग भी जोड़ों के दर्द की समस्या की चपेट में आ रहे हैं, आज की ये कहानी है जयपुर के घाटगेट में हरीम शाह दरगाह के पास रहने वाली शाहिदा जी की, जिन्हें महज 30 साल की उम्र में कमर दर्द की समस्या ने जकड़ लिया। इस दर्द की वजह से न सिर्फ उनका जीवन प्रभावित हुआ बल्कि उनका पूरा परिवार परेशान हो गया था। चलिए जानते हैं की पूरे 6 साल तक कमर दर्द की असहनीय तकलीफ से जूझने के बाद शाहिदा जी को इस दर्द में कैसे राहत मिली?

दर्द की शुरुआत और तीव्रता के बाद लगाये कई डॉक्टरों के चक्कर

शाहिदा जी को कमर दर्द की शिकायत उनके पहले प्रसव से शुरू हुई, पहली बेटी के जन्म के बाद अचानक ही इन्हें हल्का-सा कमर दर्द महसूस हुआ, उन्होंने इस दर्द को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब उनकी दूसरी बेटी हुई, तो कमर का दर्द और भी बढ़ गया। धीरे-धीरे ये दर्द असहनीय होता चला गया जिस वजह से उनका चलना-फिरना, उठना-बैठना सब कुछ बंद हो गया था। इस दर्द की वजह से कई बार तो किचन में ही लेट जाती थी। लेटे रहने पर भी नसों में अजीब सा खिंचाव होता था। दर्द की तीव्रता इतनी ज्यादा थी की करवट लेने के लिए भी उन्हें पति के सहारे की जरूरत पड़ती थी। बाथरूम और टॉयलेट तक जाने के लिए उनके पति उन्हें सहारा देकर ले जाते थे।

शाहिदा जी ने कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन किसी ने उन्हें सिकाई करने की सलाह दी, तो किसी ने एक्सरसाइज करने को कहा। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि उनके डिस्क में छल्ले सरक गए हैं जिसके लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। डॉक्टरों से ऑपरेशन की बात सुनकर उनकी चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई थीं, उनके दिमाग में बच्चों के भविष्य को लेकर की सवाल उठने लगे थे, जैसे की “अगर मेरी हालत ऐसी ही रही तो मेरे बच्चों का क्या होगा।” शाहिदा जी ने ऑपरेशन कराना उचित नहीं समझा और ऑपरेशन नहीं कराया। डॉक्टरों की दी हुई दवाइयाँ खाती रहीं, जब तक दवाइयों का असर रहा तब तक तो इन्हें राहत मिलती लेकिन असर जाते ही दर्द फिर से वापस आ जाता। इस तरह पूरे 5 से 6 साल तक परेशान रहने के बाद इन्हें गोंद सियाह के बारे में पता चला।

गोंद सियाह के बारे में कैसे पता चला?

शाहिदा जी के पिता हकीम सुलेमान साहब से जुड़े हुए थे और उनका फेमस शो ‘सेहत और जिंदगी’ देखते रहते थे। इस शो के माध्यम से हकीम सुलेमान खान साहब लाइव आकर प्राचीन घरेलू और यूनानी नुस्खों के बारे में लोगों को बताकर जागरूक करते हैं और उन लोगों से बात करते हैं जो हकीम जी के नुस्खों का सेवन करने के बाद सालों पुरानी समस्या में राहत पा चुके हैं। शाहिदा जी के पिता ने सुलेमान खान साहब के द्वारा तैयार की गई जोड़ों के दर्द में कारगर जड़ी बूटी गोंद सियाह के बारे में बताया और संस्था का नंबर देकर बात करने को कहा।

इस कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • शाहिदा जी को 6 साल तक कमर दर्द की असहनीय समस्या से जूझना पड़ा।
  • डॉक्टरों से कई बार सलाह लेने के बावजूद कोई स्थायी राहत नहीं मिली।
  • ऑपरेशन की संभावना के चलते मानसिक तनाव और चिंता लगातार बनी रही।

किन नुस्खों के सेवन से शाहिदा जी को बिना ऑपरेशन के मिली राहत।

इनके पिता जी ने शाहिदा जी को गोंद सियाह के बारे में बताया और हकीम साहब की हकीम साहब की संस्था के काबिल यूनानी डॉक्टरों ने शाहिदा जी की समस्या को सुनने और तकलीफ को अच्छे से समझने के बाद गोंद सियाह और S. Care कैप्सूल भेजा। शाहिदा जी ने डॉक्टरों के बताए निर्देशों के अनुसार गोंद सियाह का सेवन करना शुरू किया। इन नुस्खों के सेवन महज डेढ़ महीने में उन्हें इतना फायदा मिला की आपको यकीन नहीं होगा। महज डेढ़ में ही शाहिदा जी ने बिस्तर छोड़ दिया और बिना किसी सहारे के चलने-फिरने लगी।

वे घर के सारे काम करने में सक्षम हो गईं। गोंद सियाह और S. Care कैप्सूल के सेवन से इन्हें इतने जल्दी फायदा मिल जाएगा ऐसा उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। डेढ़ महीन में फायदा मिलने के बाद उन्होंने डॉक्टरों के कहने पर 8 महीने का पूरा कोर्स किया और अब इन्हें ये दवाएं छोड़े हुए 2 साल हो गए हैं तब से उन्हें कोई दर्द नहीं हुआ। अब वे बिना किसी दर्द के अपनी दिनचर्या को सामान्य रूप से निभा पा रही हैं। पहले जहां उन्हें टॉयलेट जाने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती थी, अब वे आराम से खुद से उठ बैठ सकती हैं, खाना बना सकती हैं यहाँ तक की सीढ़ियाँ भी आसानी से बिना किसी तकलीफ के चढ़ जाती हैं और वजनदार वस्तुएं भी आसानी से उठा लेती हैं।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद शाहिदा जी की जिंदगी कितनी बदल गई:

  1. डेढ़ महीने में शाहिदा जी को बिना सहारे के चलने-फिरने में राहत मिली।
  2. गोंद सियाह और S. Care कैप्सूल से दर्द मुक्त होकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
  3. अब शाहिदा जी रोजमर्रा के काम आराम से कर सकती हैं, जैसे खाना बनाना और सीढ़ियाँ चढ़ना।

परिवार का साथ और समर्थन

शाहिदा जी की बीमारी के दौरान उनका पूरा परिवार उनके साथ खड़ा रहा, विशेष रूप से उनके पति, जिन्होंने उनको हर जगह दिखाया और जब भी उनकी हिम्मत टूटी, तो उन्हें संबल दिया। शाहिदा जी कहती हैं कि “इस कठिन समय में उनके पति का साथ और गोंद सियाह का उपचार ही उनके लिए कारगर साबित हुआ।” अब वे दूसरों को भी हकीम सुलेमान साहब के नुस्खों के बारे में बताती हैं, और 15 से 20 लोगों को हकीम सुलेमान साहब के नुस्खों के बारे में बता चुकी हैं।

आप शाहिदा जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

S. Care क्या है?

S. Care दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को पूर्ण संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं, अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का उपचार करता है और दर्द से राहत देता है।

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