जब छड़ी के सहारे चलने को थे मजबूर तब अपनाया हकीम जी का कारगर यूनानी नुस्खा

2 months ago | 5 mins

घुटने में दर्द होना घुटनों की आम समस्या है जो अक्सर उम्रदराज व्यक्तियों में दिखाई पड़ती है। बढ़ती उम्र में घुटने में दर्द होने का एक सामान्य कारण है, बुढ़ापे में व्यक्ति का शरीर मुलायम नहीं रहता वह कठोर बन जाता है जिससे जोड़ों के बीच होने वाला दर्द और भी बढ़ जाता है। आपको बता दें घुटने में दर्द कई कारणों से हो सकता है जैसे बढ़ती हुई उम्र, चोट और घुटनों में अत्यधिक दबाव इत्यादि। घुटनों में दर्द होने से चलने में भी तकलीफो का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज हम बात करते हैं एक ऐसे शख्स की जिनका नाम है अशोक कुमार जी। आइये जानते हैं कि उन्होंने कैसे अपने घुटनों के दर्द में हकीम जी के यूनानी नुस्खे से राहत पाई?

जानिए दिल्ली के रहने वाले रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर जी की सच्ची कहानी के बारे में?

दिल्ली के रहने वाले अशोक कुमार जी 86 साल के हैं। वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की सेवा के लिए वह हमेशा तैयार रहते हैं उनका काम ही उनके लिए सबसे पहले है। आपको बता दें वह अपने परिवार के साथ काफी खुश रहते थे। वह एयरफोर्स रिटायर्ड ऑफिसर हैं जो कि अब कंसल्ट कम्पनी में काम करते हैं। रिटायर्ड होने के बाद भी उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा क्योंकि वह अपने काम के प्रति काफी जिम्मेदार हैं। आपको बता दें जिस उम्र में लोगों को केयर टेकर की जरुरत होती है , लोग अपनी हिम्मत हार जाते हैं उस उम्र में अशोक जी के अंदर एक अलग का हौसला भरा हुआ है,वह इस उम्र में भी सारे काम खुद करते हैं।

जैसे कि हम इस बात से परिचित है कि एयरफोर्स की जीवनशैली एकदम अनुशासित होती है। वो हर काम समय के अनुसार करते हैं। इस उम्र में अशोक जी काफी फुर्तीले हैं। लेकिन वह अपनी समस्या को लेकर काफी परेशान रहते थे। दरअसल उन्हें घुटनों के दर्द की समस्या हो गई थी जिसकी वजह से उनके जीवन में और दिक्कतें बढ़ने लगी।

घुटनों के दर्द से परेशान अशोक जी का जीवन कैसे गुजर रहा था?

अशोक जी पिछले कुछ समय से घुटनों के दर्द से काफी परेशान रहते थे। उन्होंने अपनी समस्या के लिए अंग्रेजी दवाओं का सेवन भी किया लेकिन ऐलोपैथिक दवाओं के बाद भी उनकी समस्या पूरे तरीके से सही नहीं हुई। वह अपनी इस समस्या से काफी परेशान रहने लगे। अशोक जी का दर्द इतना बढ़ गया कि उनके लिए उठना-बैठना काफी मुश्किल हो गया। साथ ही घुटनों के दर्द की वजह से उनके काम पर भी असर देखने को मिल रहा था। लगातार बढ़ता दर्द और दवाईयां खाने से उन्हें सही होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी साथ ही डॉक्टर ने उन्हें एक सलाह और दे दी की अब उन्हें छड़ी के सहारे चलना होगा

बस ये सुनकर वह और परेशान हो गए कि अगर वो छड़ी के सहारे चलेंगे तो बिल्कुल लाचार हो जाएंगे हर काम के लिए भी उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ेगा बस इसी सोच में उनका जीवन गुजर रहा था। वो कहते हैं ना कि समय कितना भी बुरा क्यों ना हो पर एक ना एक दिन गुजर ही जाता है। शायद एयरफोर्स रिटायर्ड ऑफिसर अशोक कुमार जी के भी बुरे दिन गुजरने ही वाले थे और उनके जीवन में दर्द कम होने वाला था। बस यही उम्मीद उनके जीवन में खुशहाली लेकर आ सकती है।

अशोक जी के जीवन में दर्द के कारण कौन-कौन सी परेशानियां थी?

  1.  उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी स्वस्थ हो पाएंगे
  2.  घुटनों के दर्द के कारण छड़ी के सहारे चलने को थे मजबूर
  3.  अपने काम करने के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था

आखिर अशोक कुमार जी यूनानी के मशहूर हकीम साहब से कैसे जुड़े और इन्होंने कौन से नुस्खे अपनाएं?

आपको बता दें अशोक जी हर दिन की तरह एक दिन टीवी देख रहे थे। तभी उनकी नजर हकीम सुलेमान खान साहब का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर नजर पड़ी। जहां हकीम जी सबकी समस्या सुन रहे थे और उन्हें उनकी समस्याओं के अनुसार दवा दे रहे थे। पहले तो उन्हें यूनानी पर विश्वास नहीं था कि उनकी ये समस्या कभी सही भी हो सकती हैं। लेकिन उन्होंने हकीम जी का प्रोग्राम देखकर और लोगों को मिलते आराम देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने भी हकीम जी से अपने घुटनों के दर्द के लिए दवा पूछी। हकीम जी ने उन्हें घुटनों के दर्द के लिए गोंद सियाह बताया फिर बिना किसी देरी के उन्होंने उस दवा को ATIYA HERBS से मंगवा लिया। जिसके इस्तेमाल करने के बाद से उनकी समस्याओं में तो सुधार हुआ ही उसके साथ ही उनकी दिनचर्या अब सामान्य तरीके से गुजरने लगी। जिसकी वजह से उनका जीवन फिर से एक बार तंदुरुस्त और स्वास्थ्य पूर्वक तरीके से बीतने लगा।

अंग्रेजी दवाओं के दौर में यूनानी दवाओं पर विश्वास करना आसान नहीं है लेकिन हकीम जी के नुस्खे और अशोक जी के विश्वास ने उनको उनकी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार तरीके से काम किया। यह हम नहीं बल्कि खुद अशोक जी अपनी मुँहजुबानी बता रहे हैं। आज भी अशोक जी सेहत और जिंदगी प्रोग्राम के जरिये हकीम साहब के घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं। और वह अब अपने सभी रिलेटिव्स,मित्रों और अन्य जान पहचान के लोगों को भी यूनानी नुस्खों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करते हैं। अशोक जी का कहना है कि यूनानी नुस्खों की सबसे अच्छी बात यह है कि इससे आपको दर्द में काफी राहत मिल सकती है यह काफी कारगर होते हैं। अशोक जी ने भी अपने घुटनों के दर्द के लिए ही इन यूनानी नुस्खों को ही अपनाया था।

कहानी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु पर ध्यान दें

  1.  गोंद सियाह के सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिला।
  2.  ATIYA HERBS से यूनानी गोंद को मंगवाया।
  3.  अशोक जी यूनानी नुस्खे अपनाकर आज काफी स्वस्थ हैं।

हकीम जी के नुस्खे अपनाकर मिला घुटनों के दर्द में आराम, लोगों को भी यूनानी नुस्खे अपनाने की देते हैं सलाह।

अशोक जी अब अपने किसी भी परेशानी में हकीम सुलेमान खान साहब जी के द्वारा बताए गए नुस्खों का इस्तेमाल करके अपनी जिंदगी को कई अन्य समस्याओं से बचा रहे हैं। अब वह अपने आप को काफी स्वस्थ और सेहतमंद महसूस करते हैं जिसका सारा श्रेय वह यूनानी नुस्खों और हकीम जी को देते है। अशोक जी का कहना है कि हकीम साहब के कारण मैं अपनी सेहतमंद जिंदगी बिता पा रहा हूँ। मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मुझे हकीम साहब मिले, मेरे सही होने में उनका बहुत बड़ा योगदान हैं। अशोक जी खुद तो स्वस्थ हुए ही अब लोगों को भी स्वस्थ कर रहे हैं । वह सभी को हकीम साहब के घरेलू नुस्खों का सेवन करने की सलाह देते हैं। जिससे कई लोग स्वस्थ भी हुए हैं। स्वस्थ हुए लोग हकीम साहब को अपना भगवान मानते हैं और अशोक जी को अपना सबसे अच्छा सलाहकार मानते हैं। अशोक जी कहते हैं कि जिस तरह उन्हें फायदा हुआ उसी तरह और लोगों को भी फायदा हो। और वह भी हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खे अपनाते रहें। साथ ही एक खास बातचीत में अशोक जी ने हमें बताया है कि जिस तरह से हकीम जी लोगों की बात सुनते हैं उसे जारी रखें उनके इस तरीके से लाखों लोगों को फायदा होने की उम्मीद रहती हैं। आज जो लोग हकीम जी के नुस्खे अपना रहे हैं वह काफी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं।

आप अशोक कुमार जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं.......

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

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