जोड़ों के दर्द में पाएं राहत : ब्रह्मसिंह जी से जानें, बिना किसी अंग्रेजी दवाई के 6 साल पुराने दर्द को 6 महीने में कैसे दी मात?

1 Days ago | 5 mins

क्या आपकी जिंदगी में भी जोड़ों के दर्द ने दस्तक दे दी है या फिर आप कई सालों से जोड़ों के दर्द से परेशान हैं और पेन किलर खाकर या फिर अस्पतालों के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं। इस दर्द की वजह से आपको अपनी जिंदगी नीरस और उबाऊ लगने लगी है। अगर ऐसा है तो आप चिंता मत कीजिए क्योंकि आप अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं जो इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं बल्कि देश-दुनिया में लाखों करोड़ों लोग इस तरह के दर्द से जूझ रहे हैं, और अनेकों ऐसे लोग भी हैं जो सालों से जोड़ों के दर्द से परेशान थे, सालों तक पेन किलर खाई, कई डॉक्टरों को दिखाया फिर भी राहत नहीं मिली, लेकिन जब इन्हें सही उपचार मिला तो महज 3 महीने और 6 महीने में ही इन्हें राहत मिल गई और अब फिर से अपनी जिंदगी को पहले की तरह सुकून के साथ जी रहे हैं, इन्हीं लोगों में से एक हैं उत्तरप्रदेश के जिला एटा की तहसील अलीगंज के निवासी ब्रह्मसिंह जी। जो पेशे से एक सिक्योरिटी गार्ड हैं। चलिए जानते हैं इनकी पूरी कहानी और उन नुस्खों के बारे में जिनके सेवन से इन्हें 6 साल पुराने कमर और पैरों के दर्द में महज 6 महीने में राहत मिल गई वो भी बिना किसी अंग्रेजी दवाई के।

दर्द से परेशान ब्रह्मसिंह जी का कठिन सफर

45 साल के ब्रह्मसिंह, जो यूपी के जिला एटा, तहसील अलीगंज के निवासी हैं, और महरोली के लाडो सराय में सिक्युरिटी गार्ड का काम करते हैं। इनके परिवार में इनकी माँ, पत्नी, तीन लड़के और 1 लड़की है। अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए ब्रह्मसिंह जी ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन इस बीच अपनी सेहत पर ध्यान देना भूल गए, टाइम पर खाना न खाने की वजह से और अक्सर दिन-रात ड्यूटी करने की वजह से इनके पैरों और कमर में दर्द होने शुरू हो गया था उनका दर्द दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी में पैरों पर खड़ा रहना और लंबी शिफ्ट्स में काम करना उनके लिए एक बड़ा चुनौती बन गया था। कमर और पैरों में अकड़न और झनझनाहट इतनी बढ़ गई थी कि उठना-बैठना, झुकना, यहां तक कि चलना भी मुश्किल हो गया था। इस दर्द ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाला। ब्रह्मसिंह सोचने लगे थे कि अगर इस दर्द से राहत नहीं मिली तो उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ेगी, और घर का खर्च कैसे चलेगा, यह चिंता उन्हें परेशान करती थी। कुछ ही महीनों में ये दर्द असहनीय होता चला गया जिसके चलते इन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया और सालों तक दवाइयाँ खाते रहे।

डॉक्टर के पास गए तो जांचों का सिलसिला शुरू हो गया। लेकिन डॉक्टर ने जो बताया, वह और भी चिंताजनक था। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दे दी, जो ब्रह्मसिंह के लिए बहुत भारी कदम था। ऑपरेशन की आशंका और हर दिन बढ़ते दर्द ने उन्हें मानसिक रूप से टूटने के कगार पर ला दिया। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए। ब्रह्मसिंह जी ऑपरेशन नहीं कराना चाहते थे, क्योंकि उन्हें आशंका थी की अगर ऑपरेशन के बाद भी फायदा नहीं मिला तो क्या होगा और फिर उनकी आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं थी। इस तरह ब्रह्मसिंह जी 6 से 7 साल तक पैरों और कमर के असहनीय दर्द से जूझते रहे, जिसके कारण उनका जीवन एक मुश्किल यात्रा बन गया था।

हकीम साहब का फेमस शो देखकर मिली उम्मीद।

एक दिन, ब्रह्मसिंह ने यूट्यूब पर हकीम सुलेमान खान साहब का प्रसिद्ध शो “सेहत और जिंदगी” देखा। इस शो में हकीम साहब ने ऐसे लोगों से बात की, जिन्होंने जोड़ों के दर्द, कमर के दर्द और पैरों के दर्द की समस्याओं से राहत मिल चुकी थी। इन लोगों की कहानियाँ सुनकर ब्रह्मसिंह को उम्मीद की किरण दिखाई दी। उन्हें यकीन हो गया कि अगर यह लोग हकीम साहब के नुस्खों से राहत पा सकते हैं।

ब्रह्मसिंह जी की कहानी से जुड़े खास पॉइंट्स:

  • निरंतर दर्द और डॉक्टरों के चक्कर – 6 से 7 साल तक असहनीय दर्द सहना।
  • ऑपरेशन की चिंता – ऑपरेशन के बाद राहत मिलने की कोई गारंटी नहीं थी।
  • हकीम साहब के नुस्खों से राहत – 6 महीने में दर्द में बेमिसाल राहत मिली।

हकीम साहब के कौन से नुस्खे से ब्रह्मसिंह जी को मिला फायदा।

ब्रह्मसिंह ने हकीम साहब की संस्था में संपर्क किया और गोंद सियाह मंगाया। जिसके सेवन से कुछ ही हफ्तों में उन्हें फर्क महसूस होने लगा। पहले जहाँ चलने में और उठने-बैठने में दर्द और परेशानी होती थी, अब वह बिना दर्द के चल पा रहे थे। फायदा मिलने पर ब्रह्मसिंह जी को हकीम सुलेमान साहब के नुस्खों पर विश्वास हुआ और गोंद सियाह का सेवन जारी रखा। गोंद सियाह का 6 महीने का कोर्स करने के बाद ब्रह्मसिंह जी के जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।

हकीम साहब के नुस्खों से ब्रह्मसिंह जी की जिंदगी में आए बदलाव:

  1. दर्द से राहत – अब बिना किसी दर्द के आराम से दिनचर्या निभा रहे हैं।
  2. शारीरिक ताकत में इज़ाफा – स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार हुआ।
  3. दिनचर्या में सुधार – अब बिना किसी दर्द के काम करते हैं, मानसिक शांति मिली।

हकीम साहब के प्राकृतिक नुस्खों के बाद ब्रह्मसिंह जी की जिंदगी कितनी बदल गई।

अब वह बगैर किसी दर्द के दैनिक जीवन की सारी गतिविधियाँ आसानी से कर पा रहे हैं। हकीम साहब के नुस्खों से न सिर्फ उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर हुआ बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हुई और मन को शांति भी मिली। अपनी जॉब को पहले की तरह बिना दर्द के करने लगे। अब वह न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारी पूरी कर पा रहे हैं, बल्कि एक नई उम्मीद और उत्साह के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। अगर आप भी किसी शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं और राहत पाने की उम्मीद खो चुके हैं, तो एक हकीम साहब के प्राकृतिक नुस्खे अपनाकर जरूर देखें। किसी भी तरह का दर्द और कितना भी पुराना क्यों न हो, हकीम साहब के प्राकृतिक नुस्खों से आपको फायदा मिलना मुमकिन है।

आप ब्रह्मसिंह जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

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