चौधरी जमील जी ने घुटनों के दर्द में भी नहीं मानी हार, अब बिता रहे हैं सेहतमंद जिंदगी
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
आज के समय में कई बार लोगों में हड्डियों से जुड़ी दिक्कतें तेजी से बढ़ रही हैं। महिलाएं हो या पुरुष सभी ऑफिस में लंबे समय तक एक स्थान पर बैठकर काम करते हैं, वहीं घर से काम करने वाले लोग अक्सर गलत पोश्चर में बैठकर काम करते हैं, जिसका असर शरीर पर पड़ता है। इन स्थितियों में गर्दन, और पीठ में दर्द की समस्या होने लगती है। आपको बता दें घुटनों में दर्द की समस्या होने पर भी लोगों को उठने और बैठने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज हम बात करते हैं एक ऐसे शख्स की जिनका नाम है चौधरी जमील जी,तो आइये जानते हैं कि कैसे उन्होंने अपने सालों पुराने घुटनों के दर्द में हकीम जी के यूनानी नुस्खे अपनाकर खुद को स्वस्थ किया?
जानिए चौधरी जमील जी की कहानी? आखिर कैसे बिता रहे थे वह अपनी जिंदगी?
दुबई के डेरा इलाके में रहने वाले चौधरी जमील जी की उम्र 60 साल है। चौधरी जमील जी जो पेशे से बिजनेस मैन हैं। उनके परिवार की बात करें तो जमील जी के परिवार में उनकी माँ, पत्नी, बहन और दो बेटे हैं। लेकिन उनका परिवार उनके साथ नहीं रहता वह दुबई में अकेले रहते हैं। परिवार के लोगों का दुबई आना–जाना लगा रहता है। चौधरी जमील जी काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति है। लोगों की मदद करने में वो सबसे आगे रहते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को कोई भी परेशानी होती है तो जमील जी उनकी परेशानियों में खड़े रहते हैं पर दूसरों की परेशानियों का सहारा बनते-बनते कब जमील जी को दिक्कतों ने घेर लिया उन्हें इसका पता ही नहीं चला। जिस उम्र में लोग रिटायर्ड होकर आराम करते हैं उस उम्र में चौधरी जमील जी ने अपनी परेशानियों से हार नहीं मानी।
जमील जी को अपने घुटनों के दर्द के कारण उठने- बैठने, सीढ़ियां चढ़ने, नमाज पढ़ने में काफी परेशानी होती थी। उन्होंने अपनी इस समस्या के लिए कई डॉक्टरों को भी दिखाया फिर भी उन्हें कोई आराम नहीं मिला। जमील जी ने अपनी समस्या में एलोपैथिक दवाओं का सेवन भी किया लेकिन एलोपैथिक दवाओं के सेवन से उन्हें अपनी समस्या में कुछ देर आराम तो मिल जाता था लेकिन दवाओं का असर कम होने के बाद उनकी यह समस्या फिर से शुरु हो जाती थी। वह कोई ऐसा तरीका खोज रहे थे जिससे उनकी समस्या में उन्हें राहत मिल सके पर वो कहते हैं ना कि बुरा वक्त एक ना एक दिन गुजर ही जाता है और शायद उनका बुरा वक्त भी गुजरने ही वाला था।
घुटनों के दर्द में हकीम जी का यूनानी नुस्खा बना चौधरी जमील जी का सहारा।
चौधरी जमील जी रोजाना की तरह टीवी देख रहे थे तभी अचानक से उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब का सबसे बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा। जो उस वक्त लाइव चल रहा था और उस लाइव शो में काफी लोगों के फीडबैक भी आ रहे थे। जिसमें हकीम जी लोगों की परेशानियों के लिए घरेलू नुस्खा बता रहे थे साथ ही वह लोगों को जोड़ों के दर्द में कारगर गोंद सियाह के बारे में भी बता रहे थे। जोड़ों के दर्द में मिलते आराम को देख जमील जी काफी खुश हो गए मानो वो जिसे खोज रहे थे वो उन्हें मिल गया हो। लोगों को मिलते आराम को देखते हुए वह काफी प्रभावित हुए।
फिर क्या था उन्होंने अपने घुटनों के दर्द के लिए हकीम जी द्वारा बताए गए गोंद सियाह को ATIYA HERBS की वेबसाइट से ऑर्डर किया और हकीम जी के निर्देशानुसार उस काले गोंद का पाउडर बनाकर पानी में घोल कर सेवन करना शुरु कर दिया। उन्हें गोंद सियाह के इस्तेमाल से कुछ ही महीनों में अपनी समस्या में आराम मिलने लगा। आराम मिलने के बाद वह अब भाग- भागकर सीढ़िया भी चढ़ लेते हैं, नमाज भी पढ़ते है और उन्हें उठने–बैठने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है। गोंद सियाह एक खास प्राकृतिक जड़ी-बूटी है जो घुटनों के दर्द में आपको राहत दिला सकती है। आपको बता दें इस खास जड़ी-बूटी गोंद सियाह का सेवन करने के बाद ही चौधरी जमील जी के घुटनों का दर्द काफी कम हुआ।
चौधरी जमील जी की कहानी से जुड़े निम्न बिंदू
- घुटनों के दर्द में किया गोंद सियाह का सेवन
- सेहत और जिंदगी प्रोग्राम के जरिए हकीम जी से जुड़े
- पाउडर बनाकर किया गोंद सियाह का इस्तेमाल
पहले एक कदम भी चलना था काफी मुश्किल अब सीढ़ियां चढ़ना हुआ आसान, उनके जीवन में आया बदलाव
चौधरी जमील जी के लिए जहां सीढ़ियां चढ़ना काफी मुश्किल था वह नमाज नहीं पड़ पा रहे थे पर आज गोंद सियाह का सेवन करने के बाद वो दौड़कर सीढ़ियां भी चढ़ लेते हैं अपना बिजनेस भी सही तरीके से संभाल रहे हैं और साथ ही उन्हें उठने-बैठने में भी कोई दिक्कत नहीं होती। एक खास बातचीत में चौधरी जमील जी ने बताया कि हकीम जी का प्रोग्राम देखकर वो काफी प्रेरित हो गए थे। जमील जी ने यह सोच लिया था कि इसी परेशानी के सहारे उन्हें पूरी जिंदगी गुजारनी होगी। लेकिन हकीम जी के नुस्खे और उनके बहुचर्चित प्रोग्राम देख उन्हें काफी प्रेरणा मिली और उनके भी मन में एक उम्मीद बनी। आज हाल ये है कि हकीम जी के गोंद सियाह से उनका जीवन काफी आसान हो गया है। आज जो वह सेहतमंद जिंदगी गुजार रहे हैं उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब की यूनानी बूटी गोंद सियाह को देते हैं।
जमील जी के जीवन में क्या-क्या बदलाव आये?
- स्वस्थ होने का श्रेय हकीम साहब को देते हैं
- अब आसानी से चढ़ लेते हैं सीढ़ियां
- आज जमील जी हो चुके हैं पहले से काफी बेहतर
स्वस्थ होने के बाद दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों को यूनानी नुस्खे अपनाने की देते हैं सलाह
घुटनों के दर्द में आराम मिलते देख जमील जी अपनी अन्य समस्याओं में भी हकीम जी का घरेलू नुस्खा अपनाते हैं। चौधरी जमील जी अब हकीम जी के नुस्खों को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी बताते हैं ताकि अन्य लोग भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों से खुद को स्वस्थ और सेहतमंद कर सकें। वह चाहते हैं कि जिस तरह उन्हें घुटनों के दर्द में आराम मिला है उसी तरह और लोगों को भी उनकी समस्याओं में काफी आराम मिले।
आप चौधरी जमील जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं...
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।