68 की उम्र में सुरेश जी का हौसला देख हैरान रह जाएंगे, बीपी और पेट की परेशानी ने बढ़ा दी थी इनके जीवन में मुश्किलें

नूर साहब जी । अशोक अग्रवाल जी । प्रदीप कुमार जी रंजीत जी । इम्तियाज साहब जी भूपेंद्र कौर जी । अबू बकर जी। हसीना खान जी

image
2 months ago | 5 mins

आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना एक आम बात है। हाई ब्लड प्रेशर के दौरान शरीर में बनड़ का फ्लो इतनी तेजी से बढ़ जाता है कि कुछ समय बाद इसके कारण अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।

भागदौड़ भरी जिंदगी में आपको कई परेशानियां होती हैं जिसकी वजह से बीपी की समस्या से आप परेशान रहते हैं। आपको बता दें आज हर दूसरा व्यक्ति वीपी की समस्या से परेशान है। आनिए लखनऊ के सुरेश जी ने किस तरह अपनी बीपी की समस्या को अलविदा कह दिया था। आइये जानते हैं सुरेश जी की पूरी आत्मकथा को बारें में।

आखिर कौन हैं लखनऊ के सुरेश जी? जानिए उनके जीवन के बारें में।

लखनऊ के रहने वाले सुरेश जी की उम्र 68 साल है। वे अपने परिवार के साथ काफी खुश रहते हैं। उनके परिवार की बात करें तो उनके परिवार में उनकी माता जी, पत्नी, तीन बेटे हैं और बड़े बेटे की दो बेटी रहती हैं। उनके पिताजी और बड़े बेटे का देहांत हो गया है। उनका एक बेटा प्राइवेट जॉब करता है और दूसरा बेटा वकालत करता है।

आपको बता दें सुरेश जी को बीपी की समस्या हो गयी थी। अपनी समस्या के लिए पहले उन्होंने काफी इलाज कराया। लेकिन उन्हें बीपी की समस्या में राहत नहीं मिल पायी। कई दिनों तक काफी डॉक्टरों को भी दिखाया इससे थोड़े समय के लिए उन्हें आराम तो मिल जाता लेकिन समस्या कुछ समय बाद वैसी की वैसी ही बनी रहती।

वीपी की समस्या के साथ ही उन्हें पेट में दर्द और सूजन की समस्या भी हो गयी। सुरेश जी बताते हैं कि उन्हें अपने काम करने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। आपको बता दें कि उनकी पॉटी में खून आना शुरू हो गया था।

काफी उपचार कराया लेकिन खून आना बंद नहीं हुआ। इससे वह काफी ज्यादा परेशान हो गये थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करेंगे? अब कहीं से कोई आराम नहीं मिल रहा था तो उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह कभी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी गुजार पाएंगे।

हकीम जी के नुस्खे अपनाने की सलाह सुरेश जी को किसने दी?

एक दिन उनसे मिलने उनके घर लखनऊ के ही रहने वाले आर.बी.वर्मा जी आये। दरअसल वर्मा जी सुरेश जी के बहनोई हैं। तो उन्होंने उनकी हालत देखी और कुछ दवाओं के साथ हकीम जी के घरेलू नुस्खों को इस्तेमाल करने की सलाह दी। सुरेश जी ने तुंरत वर्मा जी के कहने पर ATIYA HERBS से जैतून का सिरका ऑर्डर किया और हकीम जी का सबसे मशहूर छः मसालों से बना घरेलू नुस्खा लेना शुरू कर दिया। घरेलू नुस्खे से उन्हें पेट की समस्या में काफी आराम हुआ और जैतून के सिरके से उन्हें उनकी बीपी की समस्या में राहत मिली। अपनी समस्या में आराम पाने के बाद सुरेश जी काफी खुश हुए। जब उन्हें अपनी समस्या में आराम हुआ तो सबसे पहले उन्होंने आर. बी वर्मा जी को बताया।

चूंकि आर.बी.वर्मा जी हकीम जी के काफी पुराने पेशेंट हैं। वे और उनका परिवार हकीम जी के नुस्खे अपनाकर स्वस्थ हुआ था। अब आर.बी वर्मा जी हकीम जी के नुस्खों को लोगों तक पहुंचा कर उन्हें स्वस्थ और सेहतमंद कर रहे हैं। सुरेश जी की बीपी की समस्या करीब 15 साल पुरानी थी। लेकिन हकीम जी के जैतून सिरके ने उन्हें करीब 90 प्रतिशत तक आराम दिया है।

सुरेश जी को कैसे मिला आराम ?

  1. 1 जैतून सिरके से मिला बीपी में 90 प्रतिशत तक आराम
  2. 2 आर.बी वर्मा जी ने दी हकीम साहब के नुस्खे अपनाने की सलाह
  3. 3 ATIYA HERBS से मंगवायी हकीम जी की दवा

सुरेश जी 68 की उम्र के होने के बाद भी स्वस्थ कैसे हैं?

68 की उम्र में अगर बोधों की समस्या या पेट की गंभीर समस्या हो जाये तो खुद को स्वस्थ रखना काफी मुश्किल है लेकिन सुरेश जी का जज्बा देखकर बीमारी भी उनके आगे हार मान गयी

15 साल पुरानी बीपी की समस्या में उन्होंने आयुर्वेद के मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब के यूनानी नुस्खों को अपनाया। जब हर जगह से निराशा हाथ लगी तो उनकी परेशानी में हकीम जी के घरेलू नुस्खे उनके लिए काफी कारगर साबित हुए।

कहानी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

  1. 1 15 साल पुरानी बीपी की समस्या में मिला आराम
  2. 2 हकीम जी के घरलू नुस्खे हुए कारगर साबित
  3. 3 68 की उम्र में बिता रहे हैं सेहतमंद जिंदगी

हकीम जी के नुस्खे अपनाकर खुद को किया स्वस्थ और सेहतमंद

सुरेश जी आज हलीम जी तो यूनानी नुस्खों को अपनाकर हा सास्य और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं। आज अगर सुरेश जी सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं तो वो केवल और केवल उवर. वी वर्मा जी और हकीम जी की मेहरबानी से। क्योंकि सुरेश जी बताते हैं कि अगर ये दोनों व्यक्ति उनके जीवन में नाहीं आते तो शायद सुरेश जी कभी खरथ नहीं हो पाते और बहुत जल्दी ही बिस्तर पकड़ लेते। लेकिन हकीम जी और उनके सूनानी नुस्खों ने कमाल कर दिखाया। उनकी यूनानी जड़ी-बूटी हर समस्या में काफी कारगर और असरदार हैं।

जैतून का सिरका क्या है?

हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है।

डायबिटीज के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्र में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्र में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

Back to blog