घुटनों के दर्द में राहत मिलने पर 65 वर्षीय मालीराम जी के जीवन में आई नई उमंग। जानिए कैसे मिली घुटनों के दर्द में राहत।
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
घुटने के दर्द की समस्या एक उम्र के बाद हर व्यक्ति को परेशान करने लगती है। ये एक ऐसी समस्या है जो अच्छी-खासी दिनचर्या पर लगाम लगाकर जीवन की रफ्तार को धीमा कर देती जिससे व्यक्ति बिस्तर पर ही लेटकर अपना जीवन बिताने के लिए मजबूर हो जाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है जयपुर के मालवीय नगर, apex circle के पास फैक्ट्री एरिया में रहने वाले मालीराम जी की। मालीराम जी पिछले 20 वर्षों से कपड़े की दुकान चला रहे थे और आसानी से अपना जीवन जी रहे थे। दो से तीन साल पहले रात को सोते समय अचानक ही इनके बाएं घुटने में तीव्र दर्द होना शुरू हो गया और धीरे-धीरे बढ़ता ही रहा। जिसकी वजह से मालीराम जी छड़ी लेकर चलने के लिए मजबूर हो गए थे। लगभग 3 साल परेशान होने के बाद अब मालीराम जी फिर से पहले की तरह चलने-फिरने लग गए हैं। वो भी हर कदम में नई उमंग के साथ। इतना ही नहीं अब तो वे दंड बैठक भी आसानी से लगा लेते हैं। आइए जानते हैं इनकी पूरी कहानी कैसे इन्हें दर्द शुरू हुआ? इस दर्द की वजह से किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा और वो कौन सी दवाई है जिससे इन्हें इस दर्द में राहत मिली?
जनीय कितना दर्द और परेशानी झेलने के बाद हकीम सुलेमान साहब के बारे में पता चला
एक दिन रात्री में जब मालीराम जी सोने के बाद उठे और बेड से नीचे उतरने की कोशिस की तो बाएं घुटने में तीव्र दर्द महसूस हुआ। जब उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि घुटने के अंदर की कार्टिलेज घिस गई है, डॉक्टर ने कुछ दवाइयाँ दी और बोल की अगर दवाइयों ने असर नहीं किया तो ऑपरेशन की आवश्यकता हो सकती है। ऑपरेशन की बात करके डॉक्टरों ने बालीराम जी को चिंता में डाल दिया। घुटने में हुए दर्द की चिंता ने उन्हें न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर कर दिया।
एक दिन बालीराम जी जब टीवी देख रहे थे तो उन्होंने हकीम सुलेमान साहब को सुना। हकीम साहब जोड़ों के दर्द में कारगर घरेलू नुस्खों और जोड़ों के दर्द में असरदार जड़ी-बूटी गोंद सियाह के बारे में बताकर लोगों को जागरूक कर रहे थे। मालीराम जी ने जब हकीम सुलेमान साहब को सुना तो उन्हें उनमें एक समाजसेवी की छवि दिखाई दी। कुछ दिनों तक रोजाना हकीम साहब को सुनने के बाद हकीम साहब की जड़ी बूटियों के प्रति विश्वास जागा और स्क्रीन पर चल रहे नंबर पर कॉल करके हकीम साहब के यूनीनी विशेषज्ञों की टीम को अपनी पीड़ा सुनाई।
हकीम साहब के किन नुस्खों के सेवन से मिली राहत
हकीम सुलेमान खान साहब की टीम ने मालीराम जी की पीढ़ा को सुनने और समझने के बाद जोड़ों के दर्द में कारगर जड़ी-बूटियाँ 'गोंद सियाह' और 'जॉइन्ट फॉर्ट कैप्सूल' का सेवन करने करने के लिए कहा। मालीराम जी ने सुबह-शाम एक-एक चुटकी इन जड़ी-बूटियों का सेवन करना शुरू किया। आश्चर्यजनक रूप से, पहले हफ्ते से ही उन्हें दर्द में सुधार महसूस होने लगा। 6 महीने तक सुबह-शाम इन दवाओं के सेवन से इन्हें इतना फायदा हो गया है की छड़ी लेकर चलने वाले मालीराम जी अब 2 किलोमीटर तक आसानी से पैदल चल लेते हैं। 6 महीने से छत पर नहीं जा पा रहे थे अब आसानी से 3 मंजिला सीढ़ियाँ चढ़ जाते हैं।
कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण बिन्दु:
- डॉक्टर की सलाह पर चिंता बढ़ी: ऑपरेशन के बारे में सुनकर मालीराम जी को मानसिक तनाव बढ़ गया।
- दवाइयों से कोई खास फर्क नहीं पड़ा: डॉक्टर की दी गई दवाइयाँ शुरू में कोई खास राहत नहीं दे पाई।
- शारीरिक कमजोरी बढ़ी: घुटने के दर्द के कारण मालीराम जी की शारीरिक स्थिति में गिरावट आई, जिससे उनकी दैनिक जीवनशैली प्रभावित हुई।
जीवन में फिर से आया सकारात्मक बदलाव
घुटने के दर्द की वजह से मालीराम जी के मन में हमेशा नेगटिव विचार चलते रहते थे। लेकिन इन दवाओं के प्रभाव से अब वे अपने सारे काम खुद से करने में सक्षम हो गए हैं। उनका आत्मविश्वास लौट आया है, उनके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार आया है। और उन्होंने अपनी दिनचर्या में फिर से खुशियों का अनुभव करना शुरू कर दिया है। बालीराम जी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चुनौतियाँ अवश्य आती हैं, लेकिन यदि हम धैर्य रखें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें, तो हम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं। उनके जीवन का यह सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद मालीराम जी की जिंदगी में आए बदलाव :
- दर्द में राहत मिली: हकीम साहब की दवाइयों से 6 महीने में घुटनों के दर्द में सुधार हुआ।
- चलने-फिरने में सहजता: पहले छड़ी का सहारा लेने वाले मालीराम जी अब 2 किलोमीटर तक आसानी से चल सकते हैं।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: दवाइयों ने न केवल शारीरिक स्वास्थ्य सुधारा, बल्कि मानसिक स्थिति भी बेहतर की।
मालीराम जी का संदेश:
"घुटनों के दर्द ने मुझे तो टूटने के कगार तक पहुंचा दिया था, लेकिन हकीम साहब की दवाइयों ने मुझे फिर से एक नई जिंदगी दी। जो लोग इस दर्द से परेशान हैं, मैं उनसे कहता हूँ – उम्मीद मत छोड़िए, इन दवाइयों को जरूर अपनाइए। ये यूनानी दवाइयाँ असरदार हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के आपकी समस्याओं को दूर कर सकती हैं।" जिंदगी में कभी न हारें, क्योंकि हर दर्द के बाद एक नई शुरुआत होती है। अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान है तो हकीम साहब के प्राकृतिक नुस्खों का इस्तेमाल जरूर करें। और इन नुस्खों की सबसे अच्छी बात यह है कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
आप मालीराम जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।
Joint Forte कैप्सूल क्या है?
इन कैप्सूल के साथ प्राकृतिक और प्रभावी तरीके से जोड़ों के दर्द से राहत का अनुभव करें। आपके जोड़ों की मरम्मत, चिकनाई और मजबूती के लिए तैयार किए गए इस समाधान का उद्देश्य अत्यधिक सूजन और गंभीर जोड़ों के दर्द को कम करना है। इसे जोड़ों के दर्द की सूजन से राहत पाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया है।