जानिए असरदार हर्ब के बारे में जिसके सेवन से सिराजुद्दीन जी घुटने के दर्द को मात देकर लगातार 5 घंटे दौड़ाते हैँ गाड़ी!
अशोक अग्रवाल जी-दिल्ली । आर. बी. वर्मा-लखनऊ- । एच.एम आनंद-दिल्ली । चौधरी जमील जी-दुबई। दयावती जी-दिल्ली । दयाशंकर तिवारी-लखनऊ। मौलाना उस्मान-दुबई
“जब भी थक जाओ, तो एक बात याद रखना, हर दर्द के बाद खुशियों का सवेरा आता है।" इस बात को सिद्ध करती है जयपुर के हसनपूरा C-ब्लॉक में रहने वाले मोहम्मद सिराजुद्दीन जी की कहानी। सिराजुद्दीन जी पेशे से एक ड्राइवर हैं। उनकी ये कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
सिराजुद्दीन जी का दर्द भरा सफर
मोहम्मद सिराजुद्दीन जी लगभग 40 वर्षों से ड्राइविंग कर रहे हैं। पहले राजस्थान रोडवेज में बस चलाते थे। और पिछले 8 साल से uber में अपनी गाड़ी चला रहे हैं। लगभग दो साल पहले सीधे पाँव पर ज्यादा प्रेशर पढ़ने की वजह से सिराजुद्दीन जी के दाहिने घुटने में तेज तर्रार दर्द होने लगा। यह दर्द इतना गंभीर था कि बैठना, उठना और चलना भी मुश्किल हो गया था। वे घिसट कर चलते थे। घुटने के इस दर्द ने उनकी दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करके रख दिया था।
इस दर्द से राहत पाने के लिए वे एक साल तक पेन किलर लेते रहे, लेकिन राहत कहीं नहीं मिली। उनकी इस समस्या की वजह से उनकी पत्नी बहुत परेशान थीं। एक दिन पड़ोस के कुछ लोगों ने उनकी पत्नी को हकीम सुलेमान खान साहब और गोंद सियाह के बारे में बताया और कहा की जोड़ों के दर्द के लिए ये गोंद बहुत ही अच्छी है। गोंद सियाह के बारे में पड़ोसियों से सकारात्मक फीडबैक सुनकर सिराजुद्दीन जी की बीवी ने बिना किसी संकोच के गोंद सियाह ऑर्डर कर दिया। उन्हें उम्मीद थी कि शायद यह उपाय उनकी समस्या का समाधान कर सके। और हुआ भी यही!
गोंद सियाह ने दिखाया अपना असर
सिराजुद्दीन जी ने गोंद सियाह का सेवन करना शुरू किया। 15 दिनों में ही उन्होंने महसूस किया की दर्द कम हो रहा है। लगभग 4-5 महीनों तक गोंद सियाह के सेवन से उन्हें 70% से ज्यादा राहत मिल गई। वे पूरे एक साल तक गोंद सियाह खाते रहे। एक चुटकी सुबह और एक चुटकी रात में, रोजाना 2 चुटकी गोंद सियाह के सेवन से अब वे अपने सभी काम आसानी से करने लगे हैं। पहले वे गाड़ी चलाने में असमर्थ हो चुके थे, लेकिन अब वे पहले की तरह गाड़ी चलाने लगे हैं। अब वे रोजाना 4 से 5 घंटे आराम से गाड़ी चला सकते हैं, वो भी बिना किसी दर्द के। सिरजुद्दीन जी ने हमें बताया कि वे रोजाना 8 से 10 घंटे तक गाड़ी चलाते थे, लेकिन घुटने में हुए दर्द की वजह से गाड़ी चलाना बहुत ही कठिन हो गया था। जब गोंद सियाह का इस्तेमाल किया तो दर्द में आराम लगना शुरू हो गया था और अब वो फिर से उसी उत्साह के साथ ड्राइविंग कर रहे हैं।
सिरजुद्दीन जी की मुख्य समस्याएं
- सिराजुद्दीन जी को दो साल पहले घुटने के दर्द की समस्या ने जकड़ लिया था।
- पेन किलर्स और अंग्रेजी दवाइयों के सेवन के बावजूद दर्द में कोई राहत नहीं मिल रही थी।
सिराजुद्दीन जी के जीवन में आया बदलाव
सिराजुद्दीन जी ने हमें बताया कि पहले वे 8 से 10 घंटे तक गाड़ी चलाते थे, लेकिन घुटने के दर्द ने उन्हें थका दिया था। गोंद सियाह का सेवन करने के बाद, उनके दर्द में धीरे-धीरे राहत मिलनी शुरू हो गई और अब वे फिर से पहले जैसे उत्साह और ताकत के साथ ड्राइविंग कर रहे हैं।
गोंद सियाह के सुबह-शाम सेवन से मिला फायदा।
- गोंद सियाह के सेवन से सिराजुद्दीन जी को केवल 15 दिनों में दर्द में राहत मिलनी शुरू हो गई।
- 4-5 महीनों में 70% से ज्यादा राहत मिली, जिससे वे फिर से 4-5 घंटे आराम से गाड़ी चला सकते हैं।
- सिराजुद्दीन जी का यह अनुभव हमें सिखाता है कि कोई भी समस्या स्थायी नहीं होती, हर दर्द के बाद खुशियों का सवेरा आता है।
सिराजुद्दीन जी की कहानी से लें प्रेरणा
सिराजुद्दीन जी ने गोंद सियाह के उपयोग से घुटने के दर्द में राहत पाई। अब वे अपनी दिनचर्या को पहले जैसे आराम से जी रहे हैं। अगर आप भी किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं या जीवन की किसी चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो सिराजुद्दीन जी की कहानी से प्रेरणा लें। उनका अनुभव हमें यह सिखाता है कि हर दर्द के बाद एक नई शुरुआत होती है। अगर अंग्रेजी दवाइयों से राहत नहीं मिल रही है तो देसी दवाओं की तरफ रुख करें, सिराजद्दीन जी की तरह आपको भी दर्द में बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
अगर आपने भी हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों का सेवन किया है और आपको राहत मिली है तो आप नीचे दिए गए नंबर पर कॉल अपनी कहानी हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, हो सकता है कि आपकी कहानी किसी और के लिए प्रेरणा का स्रोत बने और हकीम शब के नुस्खे सालों पुरानी समस्या में राहत दिलाने में कारगर साबित हों।
आप मोहम्मद सिराजद्दीन साहब के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…
गोंद सियाह क्या है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।