जोड़ों के दर्द से परेशान राजेंद्र जी ने नहीं हारी हिम्मत, मुश्किलों का किया डटकर सामना

1 Days ago | 5 mins

जोड़ों का दर्द एक सामान्य समस्या बन गई है। बढ़ती उम्र के साथ ये परेशानी भी बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से आपको उठने बैठने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जोड़ों का दर्द कई कारणों से होता है। मांसपेशियों के खिंचाव, चोट लगने, ज्वाइंट में हो रही परेशानी के चलते आपको यह समस्या हो सकती है। हर किसी के जीवन में समस्याओं का आना जाना लगा रहता है। बस फर्क इतना है कि किसी को छोटी समस्या होती है तो किसी को इतनी बड़ी समस्या हो जाती है कि यदि व्यक्ति का सही समय पर सही उपचार ना किया जाये तो यह उसके लिए काफी तकलीफदेह हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे लखनऊ के रहने वाले राजेंद्र जी की कहानी।

जानिए कौन हैं राजेन्द्र कुमार ?

राजेन्द्र कुमार जी की उम्र 65 साल की है और वे लखनऊ में स्थित केशवनगर के सीतापुर रोड के पास के रहने वाले हैं। बता दें कि राजेन्द्र कुमार जी कुछ समय पहले ही सचिवालय से रिटायर हुए हैं और वह काफी दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं लोगों की मदद करना उन्हें काफी पसंद हैं इसलिए कई लोग उनकी तारीफ करते हैं।

राजेन्द्र कुमार जी के परिवार में एक बेटा, एक बेटी और पत्नी है। वे अपने परिवार के साथ बहुत ही खुशी के साथ रहते हैं। राजेन्द्र जी भी ऐसी ही एक समस्या में फंस गये। दरअसल उन्हें काफी समय से जोड़ों के दर्द की समस्या थी। जोड़ों के दर्द के कारण उन्हें काफी तकलीफ होने लगी।

राजेंद्र जी जोड़ों के दर्द से थे काफी परेशान, जानें पूरी कहानी?

जोड़ों के दर्द से परेशान राजेंद्र जी के लिए अब जीवन गुजारना काफी मुश्किल हो रहा था। एक तो बढ़ती उम्र और ऊपर से जोड़ों का दर्द उनके लिए मुसीबत बन गया। परिवार के लोग भी उन्हें देख काफी चिंतित रहने लगे क्योंकि इस तकलीफ में उन्हें दूसरों का सहारा लेना पड़ता था। उठने-बैठने में काफी मुश्किल हो रही थी। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल रही थी बस जबतक दवा खाते तब तक राहत रहती पर थोड़े दिन बाद जोड़ों का दर्द फिर से शुरू हो जाता। वो कहते हैं ना हर किसी के जीवन में अगर सुख है तो दुख भी है पर जरूरी है उस समय का डटकर सामना करना। राजेंद्र जी ने भी ऐसा ही किया जब उन्हें कहीं कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था तब उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जोड़ों के दर्द में राहत के लिए कई प्रयास किये। जिसमें उनके परिवार के लोगों ने भी उनका काफी साथ दिया। ये तो हम जानते ही हैं कि जब परिवार साथ हो तो हर मुश्किल से लड़ा जा सकता है। ऐसा ही हुआ राजेंद्र जी के साथ। अपनी समस्या से परेशान राजेन्द्र जी जोड़ों के दर्द का कोई कारगर उपचार चाहते थे। वे चाहते थे कि कोई ऐसा उपचार उन्हें मिल जाये जिससे उन्हें उनकी समस्या में राहत मिल जाये। लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये थी कि आखिर ऐसा उपचार मिले कहां।

किन-किन परेशानियों का करना पड़ा सामना?

  • राजेंद्र जी को चलने में होती थी काफी तकलीफ
  • दूसरों का सहारा लेकर जिंदगी बिताने को हो गए थे मजबूर
  • राजेंद्र जी परिवार को परेशानी में देख होते थे दुखी

हकीम जी के यूनानी नुस्खे अपनाकर जिंदगी में आया काफी बदलाव, अब नहीं लेते दूसरों का सहारा

आपको बता दें कि राजेन्द्र जी टीवी पर आयुर्वेद में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा करते थे। वे साल 2016 से हकीम जी से जुड़े हुए हैं। इतने साल हकीम जी से जुड़ने के बाद उनके मन में ख्याल आया कि क्यों ना एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपना लिया जाये। हकीम जी के नु्स्खों को काफी लोग अपना रहे हैं और स्वस्थ भी हो रहे हैं। राजेन्द्र जी ने सेहत और जिंदगी लगातार देखना शुरू कर दिया और जो फीडबैक लोग दे रहे थे उन पर भी गौर करना शुरू कर दिया। राजेन्द्र जी को धीरे-धीरे हकीम जी के घरेलू नुस्खों पर यकीन होने लगा। वे हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने सेहत और जिंदगी में दिए हुए नंबर पर कॉल किया और हकीम जी को अपनी सारी समस्याएं बता दी। हकीम जी ने उनकी समस्या को सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे अपनी समस्या में राहत पा सकते हैं। उन्हें हकीम साहब ने उनकी समस्या के लिए गोंद सियाह लेने की सलाह दी। हकीम जी पर भरोसा करके राजेन्द्र जी ने ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगवाया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। राजेन्द्र जी ने हकीम जी के निर्देश के अनुसार ही गोंद सियाह का इस्तेमाल किया था। हकीम जी की बूटि को इस्तेमाल करते हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ था कि राजेन्द्र जी को अपनी समस्या में आराम दिखाई देने लगा। फिर उन्हें पहले से काफी फायदा मिलने लगा। पहले जहां उन्हें चलने में तकलीफ होती थी अब वह आसानी से चल लेते हैं और अब उन्हें दूसरों के सहारे की जरूरत नहीं पड़ती। अपको बता दें कि यूनानी नुस्खे अपनाने के बाद पहले से अब उनके जीवन में काफी बदलाव देखने को मिला है।

जानिए कहानी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु ?

  1. गोंद सियाह से जोड़ों के दर्द में मिला काफी आराम
  2. सेहत और जिंदगी प्रोग्राम देखकर हकीम जी का यूनानी नुस्खे अपना रहे हैं
  3. अब राजेंद्र जी को नहीं लेना पड़ता चलने के लिए दूसरों का सहारा

जोड़ों के दर्द में मिले आराम के बाद लोगों को भी हकीम जी के नुस्खे अपनाने की देते हैं सलाह

हकीम जी के नुस्खे अपनाने के बाद राजेंद्र जी आज स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं। जोड़ों के दर्द के अलावा उन्हें सांस की समस्या थी लेकिन आज वे खुलकर सांस भी लेते हैं। वे हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाकर खुद तो स्वस्थ हुए ही। साथ ही अब वे लोगों की भी मदद कर रहे हैं। वे लोगों तक हकीम जी के नुस्खों को पहुँचा रहे हैं। हकीम जी काफी लोगों को यूनानी नुस्खों से स्वस्थ कर चुके हैं। आपको बता दें जब उन्हें जोड़ों के दर्द में आराम हुआ तो उन्होंने हकीम जी के घरेलू नुस्खों को भी अपनाना शुरू कर दिया। वे घर परिवार के किसी भी सदस्य की छोटी से छोटी समस्याओं के लिए हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपनाते। और उन नुस्खों से आराम भी मिलता। राजेन्द्र जी को हकीम जी और उनके यूनानी नुस्खों पर पूरा भरोसा हो गया था। राजेंद्र जी का जो आज जोड़ों का दर्द कम हुआ है उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं। वह यही उम्मीद करते हैं कि जिस तरह से वह स्वस्थ हुए उसी तरह और लोग भी हकीम जी के घरेलू नुस्खे को अपनाकर स्वस्थ हो जाये।

आप राजेंद्र कुमार जी के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं.......

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

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