शकीला जी को घुटनों के दर्द में और उनके पति को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या में हकीम जी के प्राकृतिक नुस्खों से मिली राहत।

1 Days ago | 5 mins

आजकल हर व्यक्ति चाहता है कि जब तक जिंदगी है तब तक स्वस्थ रहें, बुढ़ापे में किसी के सहारे की जरूरत न पड़े। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे शरीर कमजोर होता चला जाता है। शरीर में कमजोरी आने पर घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, कंधों का दर्द, पेट का दर्द, Sciatica, Cervical जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। और फिर शुरू होता है डॉक्टरों के चक्कर लगाने का सिलसिला। उसके बाद भी अगर डॉक्टर को मर्ज पकड़ में आ जाए तो ठीक नहीं तो फिर दवाइयों के सहारे ही जिंदगी कटती है। कुछ ऐसी ही हालत हो गई थी शकीला जी और उनके पति की लेकिन फिर इन्हें कुछ नुस्खों के बारे में पता चला जिनके सेवन से अब एक बार फिर पति-पत्नी दोनों स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी जी पा रहे हैं। चलिए जानते हैं इनकी कहानी।

शकीला जी और रॉय साहब की समस्याएं

कोरोना टाइम तक शकीला जी सेहतमंद जिंदगी जी रही थीं। लेकिन कोरोना के बाद जब एक दिन वह पार्क में टहल रहीं थीं तो अचानक ही उन्हें घुटने में दर्द महसूस हुआ, शकीला जी ने सोचा कि अचानक शुरू हुआ उनका ये दर्द एक-दो दिन में अपने आप ही सही हो जाएगा। लेकिन सब कुछ इसके विपरीत ही था दूसरे-तीसरे दिन जब ये पार्क में टहलने को निकली तो घुटने का दर्द और भी ज्यादा बढ़ गया था। कुछ दिनों तक मालिश की लेकिन दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था। रोजाना के छोटे-छोटे कामों में भी कठिनाई महसूस होने लगी थी। धीरे-धीरे दर्द इतना बढ़ गया की 10 कदम भी चलने में असमर्थ थीं और खड़ी होने में भी तकलीफ होती थी। फिर शुरू हुआ डॉक्टरों को दिखाने का सिलसिला, इन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया, महीनों-महीनों तक दवाइयाँ खाने के बाद भी जब इन्हें दर्द में राहत नहीं मिली। जब इसी दर्द में इनके तीन साल गुजर गए तो शकीला जी टूट चुकी थीं क्योंकि उन्हें इस दर्द में राहत पाने का कोई भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

एस. एस. रॉय साहब डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे थे, रात्रि में 4 से 5 बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता था। जब ये समस्या और बढ़ने लगी तो डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने बताया कि प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बढ़ने की वजह से पेशाब में प्रोटीन भी आ रहा है। रॉय साहब डॉक्टर की दी हुई अंग्रेजी दवाइयाँ खाईं जिनसे उन्हें राहत तो मिली लेकिन दवाइयाँ छोड़ने के बाद उनकी ये परेशानी फिर से शुरू हो जाती थी इसलिए अब उनकी जिंदगी दवाइयों के सहारे ही व्यतीत हो रही थी।

हकीम साहब को सुनकर शकीला जी ने घर पर बनाया देसी नुस्खा, मिला फायदा।

शकीला जी, एयरलाइन्स कॉलोनी, द्वारका सेक्टर 23 दिल्ली की रहने वाली एक ग्राहिणी हैं। उनकी उम्र 62 साल है, एस. एस. रॉय शकीला जी के पति हैं। एक तरह शकीला जी 3 साल से जोड़ों के दर्द की वजह से परेशान थीं वहीं दूसरी तरफ उनके पति एस. एस. रॉय डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे थे। इन परेशानियों की वजह से उनकी जिंदगी नीरस और उबाऊ हो गई थी। ऐसा लगने लगा था जैसे कि अब पूरी जिंदगी दवाओं के सहारे ही गुजरेगी। लेकिन इसी बीच एक दिन शकीला जी ने यूट्यूब पर हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम “सेहत और जिंदगी’ देखा। जिसमें वो कई प्रकार की समस्याओं के लिए घरेलू और देशी नुस्खों के बारे में बता रहे थे। जिसमें घुटनों के दर्द, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के नुस्खे भी शामिल थे। पहले तो शकीला जी को हकीम जी के नुस्खों पर विश्वास नहीं हो रहा था। लेकिन फिर उन्होंने पेट साफ होने का हकीम साहब का एक घरेलू नुस्खा घर पर बनाया जो कि सोंफ, सोंठ, जीरा, अजवाइन, धनिया और मैथी का चूर्ण था। इस नुस्खे को उन्होंने खुद भी आजमाया और अपने पति को भी खाने को दिया जिससे दोनों का पेट साफ रहने लगा और भूख भी काफी लगने लगी। इस नुस्खों को आजमाने के बाद उन्होंने अपने लिए और अपने पति के लिए हकीम साहब के नुस्खे मंगाए।

शकीला जी और रॉय साहब की कहानी से जुड़े महत्वपूर्ण पॉइंट्स:

  • शकीला जी को घुटनों के दर्द के कारण रोजाना के कामों में कठिनाई हो रही थी।
  • एस. एस. रॉय साहब को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के कारण बार-बार पेशाब जाने की समस्या थी।
  • पति-पत्नी दोनों का जीवन दवाइयों पर निर्भर हो गया था।

शकीला जी को किस नुस्खे से मिला जोड़ों के दर्द में फायदा।

शकीला जी ने अपने लिए हकीम साहब की संस्था से गोंद सियाह मंगाया और इसका सेवन किया शुरू किया। कुछ ही दिनों में उन्हें इस औषधि से राहत मिलनी शुरू हो गई। महज 15 से 20 दिनों में उन्हें घुटनों के दर्द में काफी कमी महसूस हुई। शकीला जी ने गोंद सियाह का सेवन जारी रखा और 6 महीने तक निरंतर उपचार करने के बाद शकीला जी अब पहले की तरह सक्रिय हो गई हैं। अब वो रोजाना कम से कम 4 किलोमीटर टहलती हैं और योगाभ्यास भी करती हैं जिससे वह अपने जीवन में बहुत खुश हैं क्योंकि गोंद सियाह से उनकी सेहत में बेमिसाल सुधार हुआ है।

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद शकीला जी और रॉय साहब की जिंदगी में बदलाव:

  1. शकीला जी को घुटनों के दर्द में 15-20 दिनों में राहत मिली।
  2. एस. एस. रॉय साहब की डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में सुधार हुआ जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या में फायदा हुआ।
  3. अब पति-पत्नी दोनों बिना दवाइयों के, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं।

एस. एस. रॉय साहब को किस नुस्खे से मिला डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या में फायदा।

जब शकीला जी को हकीम साहब के नुस्खों से फायदा मिल गया तो उनके पति एस. एस. रॉय को भी हकीम साहब के नुस्खों पर विश्वास हुआ। एस. एस. रॉय साहब ने भी हकीम साहब की संस्था में फोन लगाकर डायबिटीज और शुगर की समस्या के बारे में बताया तो इनके लिए हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों द्वारा जैतून सिरका और जैतून नमक के साथ-साथ लाजबंती और अलसी के पाउडर का सेवन करने की सलाह दी गई। रॉय साहब ने हकीम जी की ऑफिसियल वेबसाईट Atiya herbs से इन नुस्खों को मंगाकर सेवन शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में उन्होंने महसूस किया कि बार-बार पेशाब जाने की समस्या में उन्हें काफी फायदा मिल रहा है। जब इन्होंने फिर से डॉक्टर के पास चेकप कराया तो इनके मूत्र के साथ जो प्रोटीन आ रही थी वो आना बंद गई गई थी। इसके अलावा इनका ब्लड प्रेशर भी नॉर्मल रहने लगा था।

जब रॉय साहब को भी फायदा मिल गया तो अब इन्हें कोई भी किसी भी तरह की समस्या से परेशान व्यक्ति मिलता है, चाहे वो रिश्तेदार हो, पड़ोसी हो या दोस्त सभी को हकीम साहब के नुस्खों के बारे में जरूर बताते हैं।

आप एस. एस. रॉय साहब के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

जैतून का सिरका क्या है?

हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

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