4 महीने में 4 साल पुराने घुटनों और कंधों के गंभीर दर्द को दी मात। जान लीजिए दुनिया की सबसे कारगर जड़ी-बूटी के बारे में।

1 Days ago | 5 mins

क्या आपके जोड़ों में दर्द है? अगर आपका जवाब हाँ है तो सतर्क हो जाइए क्योंकि जयपुर के हसनपुरा की राय कॉलोनी में रहने वाले 60 साल के वसीउल्लाह खान को भी यही समस्या थी। उन्हें तकलीफ इतनी थी की पूछिए मत। घुटनों और कंधों के असहनीय दर्द ने इन्हें विस्तर पर लेटे रहने के लिए मजबूर कर दिया था। इनकी हालत ऐसी हो गई थी की उठने-बैठने तक में तकलीफ होने लगी थी। वैसे तो वसीउल्लाह साहब लगभग 4 साल से इस समस्या से पीढ़ित थे। लेकिन इनका 1 साल बहुत कठिनाइयों में गुजरा है। अब आलम ये है की वसीउल्लाह खान सीढ़ियाँ भी छोटे बच्चे की तरह भागकर चढ़ जाते हैं। यानि की अब वसीउल्लाह खान साहब एकदम फिट और स्वस्थ हो गए हैं। अपनी जिंदगी से पूरी तरह नर्वस हो चुके वसीउल्लाह खान को अपनी जिंदगी फिर से प्यारी लगने लगी है। अगर आप भी जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान हैं तो आप उस जड़ी बूटी के बारे में जरूर जानना चाहेंगे जिसके सेवन से वसीउल्लाह खान साहब को घुटनों और कंधों में होने वाले गंभीर दर्द में फायदा मिला।

वसीउल्लाह खान साहब का घुटनों और कंधों का तकलीफ भरा सफर कैसा रहा?

आज से लगभग 4 साल पहले एक दिन वसीउल्लाह खान साहब सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर जा रहे थे। इसी बीच पहली ही सीढ़ी चढ़ते समय अचानक इनका एक पैर फिसल गया। अपने हाथों का सदुपयोग करते हुए इन्होंने अपने आपको बचाने की काफी कोशिस की लेकिन इस कोशिस में इनके सीधे हाथ पर ज्यादा वजन आने की वजह से काफी दर्द होने लगा। ऊपर किचन में खाना बना रही इनकी बेटी को कुछ आवाज सुनाई दी तो वह भागकर इनके पास पहुंची और सहारा देकर विस्तर पर लिटाया। विस्तर तक जाते समय इन्हें लेफ्ट पैर के घुटने में गंभीर दर्द महसूस हुआ। कुछ दिनों तक घर पर ही सिकाई करते रहे लेकिन इनका ये दर्द काम होने की वजह और बढ़ता ही जा रहा था। कुछ ही हफ्तों में इनकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। काँधें में दर्द इतना बढ़ गया की हाथ को ऊपर उठाने में भी तकलीफ होने लगी। कपड़े पहनने में तक बेटियों से सहारा लेना पढ़ता था। घुटनों में तकलीफ इतनी थी की उठने-बैठने झुकने में परेशानी होने लगी। जिसकी वजह से नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाना तक छूट गया। घुटनों के दर्द की वजह से कई बार तो विस्तर से उठते ही गिर पड़े। एक तरफ घुटनों का दर्द और दूसरी तरफ कंधों के दर्द ने इन्हें लाचार बना दिया था।

अपनी इस समस्या को लेकर जब वसीउल्लाह खान साहब डॉक्टर के पास पहुंचे तो डॉक्टर ने इन्हें बताया की आपके कंधे फ्रीज़ हो गए हैं। घुटनों के दर्द के लिए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए बोल दिया। अब वसीउल्लाह खान साहब को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की क्या किया जाए? कुछ दिनों तक डॉक्टर की दी हुई दवाइयाँ खाईं। लेकिन इन दवाइयों का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा था। दर्द बढ़ता ही जा रहा था। कंधे का दर्द धीरे-धीरे गर्दन तक पहुँच गया। अचानक हुई दर्द की इस समस्या की वजह से वसीउल्लाह खान साहब बहुत मायूस हो गए थे।

जोड़ों के दर्द में दुनिया की सबसे कारगर जड़ी बूटी के बारे में इन्हें कैसे पता चला?

एक दिन विस्तर पर लेटे-लेटे जोड़ों के दर्द की समस्या के बारे में मोबाईल पर सर्च किया तो इन्हें जोड़ों के दर्द से संबंधित हकीम सुलेमान खान साहब का एक वीडियो मिला। जिसमें हकीम साहब अपने उन पेशेंट से बात कर रहे थे। जिन्हें हकीम साहब के नुस्खों को अपनाकर सालों पुराने जोड़ों के दर्द की समस्या में राहत मिल गई थी। वसीउल्लाह खान साहब ने कई दिनों तक हकीम सुलेमान खान साहब के वीडियो देखे तो इन्हें हकीम साहब के नुस्खों पर विश्वास होने लगा। एक दिन वसीउल्लाह खान साहब ने अपनी समस्या को लेकर हकीम साहब की संस्था में कॉल कर दिया। और अपनी जोड़ों के दर्द से जुड़ी इस समस्या के बारे में बताया।

हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने इनकी इस समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद जोड़ों के दर्द में दुनिया की सबसे कारगर जड़ी-बूटी गोंद सियाह भेजी। वसीउल्लाह खान साहब ने डॉक्टरों के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए रोजाना 1 चुटकी सुबह खाने के बाद और 1 चुटकी शाम को खाने के बाद लेना शुरू कर दिया। 1 हफ्ते में ही इन्हें इस जड़ी बूटी की शक्ति का एहसास होने लगा। लगातार 1 महीने तक गोंद सियाह का सेवन करने से इन्हें ऐसा लगने लगा जैसे जिस्म में जान आ गई हो। तोते पालने वाला पिंजरा तक अपने हाथों से नहीं उठा पाने वाले वसीउल्लाह खान साहब अब पानी की बाल्टी तक अपने हाथों से उठाने लग गए हैं। पहली सीढ़ी पर पैर रखते ही दर्द से तिलमिला उठने वाले वसीउल्लाह खान साहब अब सीढ़ियां बच्चों की तरह दौड़कर चढ़ जाते हैं।

कहानी से जुड़े खास महत्वपूर्ण पॉइंटस :

  • 4 साल पुराने घुटनों और कंधों के असहनीय दर्द ने वसीउल्लाह खान की रोजमर्रा की ज़िंदगी को मुश्किल बना दिया था।
  • अंग्रेजी दवाइयों से कोई राहत नहीं मिल रही थी, दर्द बढ़ता ही जा रहा था।
  • सामान्य कार्यों जैसे उठने-बैठने और सीढ़ियाँ चढ़ने में भी मुश्किलें आ रही थीं।

हकीम सुलेमान खान साहब से मिलाने के लिए अल्लाह का करते हैं शुक्रिया अदा।

घुटनों और कंधों के दर्द की इस असहनीय तकलीफ की वजह से इनका लोगों के बीच उठना बैठना बंद हो गया था लेकिन अब अल्लाह के करम और हकीम सुलेमान साहब की दवाओं के प्रभाव से इन्हें इस तकलीफ में फायदा मिल गया है जिससे अब आसानी से ये लोगों के बीच उठ बैठ सकते हैं और बिना किसी तकलीफ के नमाज अदा कर सकते हैं। अब वसीउल्लाह खान साहब का यही कहना है की “मालिक का कर्म और अहसान है की मैं हकीम साहब से जुड़ा और उनकी दवाइयों का सेवन किया जिसकी वजह से अब मैं फिर अपनी जिंदगी को पहले की तरह जी पा रहा हूँ।”

हकीम साहब के नुस्खे अपनाने के बाद वसीउल्लाह खान साहब की जिंदगी में बदलाव:

  1. हकीम सुलेमान खान के नुस्खे से 4 महीने में घुटनों और कंधों के दर्द में जबरदस्त आराम मिला।
  2. गोंद सियाह के सेवन से वसीउल्लाह खान साहब पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय हो गए, सीढ़ियाँ भी आसानी से चढ़ जाते हैं।
  3. अब वसीउल्लाह खान साहब बिना दर्द के अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी जी रहे हैं और आत्मविश्वास से भरे रहते हैं।

वसीउल्लाह खान साहब को दर्द में राहत मिलने के बाद अपनी बेटी के लिए भी मंगाईं हकीम सुलेमान साहब का नुस्खे

जब वसीउल्लाह खान साहब को इस दर्दनाक तकलीफ में राहत मिल गई तो इन्हें हकीम सुलेमान साहब की दवाइयों पर पूरी तरह भरोसा हो गया। इन्होंने अपनी diabetes की समस्या के लिए हकीम सुलेमान साहब का गोंद जामुन मंगाया। इनकी बेटी को भी diabetes की समस्या थी इसके अलावा हाथों में सूजन आ गई थी और बहूत तीव्र दर्द होना शुरू हो गया था। इस समस्या के लिए इन्होंने हकीम सुलेमान साहब के यहाँ से गोंद मोरिंगा, गोंद आंवला और जैतून का सिरका भी मँगवाया।

हकीम साहब की दवाइयों में कितना असर है ये देखने के लिए हम खुद वसीउल्लाह खान साहब के घर पहुंचे उनसे बातचीत की और उनको होने वाली तकलीफों के बारे में जाना। इनकी बात कितनी सच ये जानने के लिए हमने इनके पड़ोसियों से भी इनके बारे में बातचीत की इनके पड़ोसियों ने इनके बारे में हमें क्या बताया इसे आप नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हैं। वसीउल्लाह खान साहब को इस तकलीफ में राहत मिलने से अब वो अपनी जिंदगी में बहुत खुश हैं। अगर आप या आपके आसपास कोई भी व्यक्ति इस तरह की किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो उस तक ये जानकारी जरूर पहुंचाए हो सकता है की आपके माध्यम किसी को सालों पुराने जोड़ों के दर्द में फायदा मिल जाए।

आप वसीउल्लाह खान साहब के जीवन की पूरी कहानी दी गई वीडियो में देख सकते हैं…

गोंद सियाह क्या है ?

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रख सकता है।

गोंद मोरिंगा क्या है?

गोंद मोरिंगा एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पाचन, गैस्ट्रिक संबंधी समस्या, लीवर संबंधी समस्याएं, बवासीर, सोरायसिस, सभी प्रकार के त्वचा संक्रमण जैसी विभिन्न बीमारियों में लाभदायक है। यह हकीम जी द्वारा खुद की निगरानी में तैयार की गयी औषधि है। इस औषधि को यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो यह बहुत जल्दी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है। हकीम जी द्वारा बताये गये निर्देशों को अपनाकर असली गोंद मोरिंगा का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

गोंद जामुन क्या है?

हकीम सुलेमान खान साहब का गोंद जामुन एक प्राकृतिक उत्पाद है। यह एक हर्बल बूटी है जिसका उपयोग स्वस्थ जीवन और खुशहाली के लिए सदियों से किया जा रहा है। यूनानी की इस दवा को मुख्य तौर पर इस्तेमाल शुगर की समस्या को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। शुगर की समस्या में इस गोंद को काफी असरदार और गुणकारी माना जाता है। इस गोंद को इस्तेमाल करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।

जैतून का सिरका क्या है?

हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। शुगर के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

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