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About Hakim Suleman’s Gond Siyah (Kala Gond)

Kala Gond is derived from the ebony tree, possessing numerous medicinal properties that make it a valuable resource. Our therapeutic Gond Siyah features original ‘Kala Gond’ in a solid form, renowned for its various healing properties. It is believed to aid in the prevention and relief of arthritis, joint pain, and overall body discomfort. The product comes in a massive 100gm packaging which can be consumed for a long span of time.

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95% purity Rejection Standards

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Ancient Herbal Alchemy

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Patented

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Clinically Researched
Ingredients

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GMP Certified

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Made in India

How Do I Use It?

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Grind to make a powder-like consistency

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Take ½ gm of powder in a spoon

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Mix it well in lukewarm water

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Consume twice a day after meals

How to identify Authentic Gond Siyah

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Ashy-black in color with rock-solid appearance (Matte finish)

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Doesn’t get
dissolved in water

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Absorbs & swells in
water

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Bitter in taste

उम्मीद की कहानियाँ

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दिल्ली के मानकपुरा में रहने वाले 65 साल के अशोक अग्रवाल जी की कहानी जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल हाई कोर्ट में काम करने वाले वकील साहब 15 सालों से घुटनों के दर्द से परेशान थे इनका दर्द इतना बढ़ गया कि ऑपरेशन कराने तक की नौबत आ गयी। तब गोंद सियाह ने कमाल कर दिखाया। आज वह गर्व के साथ कहते हैं कि मैं हकीम साहब के यूनानी नुस्खे अपना रहा हूँ।उनके जीवन में इतना बदलाव कैसे आया इसे जानने के लिए जानें इनकी पूरी कहानी।

अशोक अग्रवाल- दिल्ली (हाई कोर्ट वकील)

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देश की सेवा करने वाले 65 वर्षीय आर. बी. वर्मा जी लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते हैं वह पेशे से सेल्स टैक्स विभाग में एडिशनल कमिश्नर में कार्यरत रह चुके हैं। पर जीवन में सबकुछ हासिल करने के बाद भी उनके स्वास्थ्य ने उनका साथ नहीं दिया दरअसल उन्हें कई सालों से पेट की परेशानी थी जिसकी वजह से वह काफी तकलीफ में थे पर हकीम जी के नुस्खे अपनाने से उनकी जिंदगी ही बदल गयी। अब अब उनके जीवन में इतना बदलाव कैसे आया इससे जानने के लिए जानें इनकी पूरी कहानी?

आर.बी वर्मा जी- लखनऊ (सेल्स टैक्स विभाग)_( एडिशनल कमिश्नर पद से रिटायर्ड)

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रिटायर्ड आर्मी कप्तान रघुवंश सिंह जी पटना के दानापुर में जजेज़ कॉलोनी में रहते हैं। आपको बता दें जब एक अनुशासित और स्वस्थ व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो ये उनके लिए काफी तकलीफदेह होता है ऐसा ही कुछ हुआ रघुवंश जी के साथ जो कई सालों से घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे पर फिर भी देश की सेवा में समर्पित रघुवंश जी ने अपने हौसले को बरकरार रखा और उन्हें मिला हकीम जी का बेहतरीन नुस्खा। जिसके बाद उनकी जिंदगी ही बदल गई। आइये जानते हैं कि उनके जीवन में इतना बदलाव कैसे आया,जानें इनकी पूरी कहानी?

रघुवंश सिंह जी- पटना(दानापुर) - रिटायर्ड आर्मी कप्तान

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देश की सेवा में अपना योगदान देने वाले आई.जी बीएसएफ आर्मी से रिटायर्ड एस. एस कुशवाहा आज भी 82 साल की उम्र में आर्मी स्कूल के चेयरमैन हैं। इस उम्र में लोगों के लिए प्रेरणा बने कुशवाहा जी पिछले कुछ समय से घुटनों के दर्द की वजह से परेशान थे, लेकिन वो हार मानने वालों में से नहीं थे। और इसी जज्बे के चलते वे आज सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं, जानें उनकी पूरी कहानी।

एस.एस कुशवाहा -  आर्मी स्कूल के चेयरमैन(आई.जी बीएसएफ रिटायर्ड) – सहारनपुर  

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अलीगढ़ के बेगपुर में बिक्रम कॉलोनी में रहने वाले डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से रिटायर 70 साल के उपदेव जी की कहानी बूढ़े लोगों के साथ-साथ जवानों के लिए हौसला, हिम्मत, संकल्प और जज्बे की मिसाल है क्योंकि वह 70 साल की उम्र में भी इस तरह exercise करते हैं कि उन्हें देखकर युवा भी हैरान हो जाते हैं। एक समय उनकी जिदंगी में ऐसा आया था कि  घुटनों के दर्द ने उन्हें तोड़कर रख दिया था लेकिन गोंद सियाह के सेवन के बाद उन्हें एक नई ऊर्जा और जोश मिला है, महज 3 महीने में उनके शरीर में ऐसी ताजगी और फिटनेस आ गई है कि वह 70 साल की उम्र में भी बिना किसी दर्द के रोजाना 5 किलोमीटर दौड़ते हैं इतना ही नहीं 21 किलोमीटर की मैराथन भी दौड़ चुके हैं। उनके जीवन में इतना बदलाव कैसे आया जानिए इनकी पूरी कहानी। 

उपदेव जी, अलीगढ़, रिटायर्ड फ्रॉम डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस

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Frequently Asked Question

1. What are the benefits?

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Gond Siyah (or Kala Gond) is acknowledged for its medicinal properties, known to provide lasting relief for various ailments, including back pain, leg pain, headaches, bone/nervous pain, and arthritis.

In addition to alleviating pain-related issues, Kala Gond is considered a valuable preventive measure against such complications. Moreover, it is believed to aid in reducing elevated uric acid levels in the body and is seen as beneficial for sciatica. To sum it up, Gond Siyah is viewed as a comprehensive solution for managing and preventing overall body discomfort.

2. How to use it?

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The process of consuming Gond Siyah is a simple 4-step technique:

  • Grind the pieces to make powder-like consistency.
  • Take ½ gm of this powder in a spoon.
  • Mix it in lukewarm water.
  • Consume twice a day after meals.

3. How does it taste?

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Kala Gond tastes bitter like raw coffee.

4. Can a pregnant woman take it?

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It is oftentimes suggested to avoid using it by pregnant women but if your doctor prescribes it, you can consume it.

5. Can a juvenile consume it?

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No. Gond Siyah is prescribed to be consumed only by adults (i.e. 18 years or above).